मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। बाराबंकी के औसानेश्वर मंदिर में सोमवार को बिजली का करंट उतरने से मचे भगदड़ में दो लोगों की मौत और 37 लोगों के घायल होने का मामला अभी ठंढा भी नहीं पड़ा था कि प्रसिद्ध लोधेश्वर महादेव मंदिर के पास करंट उतरने से दो लोगों के मरने की खबर आ रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रामनगर कोतवाली क्षेत्र के महादेवा में सड़क किनारे दुकान की सीढि़यों में उतरे करंट की चपेट में आकर दो लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि सड़क किनारे एक दुकान की आंतरिक वायरिंग से करंट लोहे की सीढ़ियों में उतर रहा था। स्थानीय लोगों के अनुसार सावन के चौथे सोमवार के अवसर पर महादेवा में रविवार से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। मंदिर परिसर से लगभग 300 मीटर दूर सूरतगंज मार्ग के किनारे, महादेवा चौकी के पास एक बाजार सजा हुआ था। इसी स्थान पर गोबरहा गांव निवासी संजय कुमार (38) का एक फोटो स्टूडियो और लैया की दुकान है।
प्रशासन के मुताबिक, बाजार में प्रथम तल पर स्थित स्टूडियो को जाने वाली लोहे की सीढ़ियों में दुकान की आंतरिक वायरिंग से करंट प्रवाहित हो रहा था। जैसे ही संजय सीढ़ियों के पास पहुंचे, वे करंट की चपेट में आ गए। उन्हें करंट लगते देख, उनके साथ काम कर रहे मसौली थाना क्षेत्र के गुलरिया गांव निवासी हौसला ने बचाने का प्रयास किया, लेकिन वह भी करंट की चपेट में आ गए। कुछ ही पलों में दोनों निढाल हो गए। स्थानीय लोगों ने स्टूल और अन्य साधनों की मदद से दोनों को किसी तरह अलग किया। पुलिस ने तत्काल उन्हें सीएचसी रामनगर पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। डीएम शशांक त्रिपाठी ने बताया कि मृतकों के परिजनों को सहायता उपलब्ध कराने की कार्रवाई तहसील प्रशासन द्वारा की जा रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। बता दें कि हैदरगढ़ स्थित औसानेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को धूप-छांव से बचाने के लिए लगी टिन शेड पर एक तार टूटकर गिर गया, जिससे करंट फैल गया और भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे को धक्का देकर भागने लगे। हादसे में कई लोग गिरकर दब गये थे।
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