टुंडला रेलवे स्टेशन पर पिता मांगता था भीख, बेटा धर्मांतरण गिरोह का मुख्य सरगना, जानिए पूरी कहानी!


लखनऊ। प्रदेश में आगरा की दो सगी बहनों के अपहरण और धर्मांतरण केस में पकड़ा गया अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र सिंह जादौन की कहानी फिल्मी है। वह शुरू से अमीर बनने का सपना देखता था। शॉर्ट कट से पैसा कमाने के फंडे खोजता था। देश की बड़ी-बड़ी खबरों पर पैनी नजर रखता था। धर्मांतरण गिरोह का मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान का पिता टुंडला के रेलवे स्टेशन पर भीख मांगता था। वह अमीर बनने के लिए 25 साल पहले अपने गांव को छोड़कर मुंबई भाग गया था।
फिरोजाबाद नारखी के गांव रामगढ़ में महेंद्र अपने पिता प्रेमपाल और दो भाईयों के साथ रहता था। महेंद्र जादौन उर्फ पप्पू उर्फ अब्दुल रहमान का दूसरे भाई का नाम क्षम्मी और तीसरे भाई का नाम भूरा था। भूरा की खेत के विवाद में 21 साल पहले हत्या हो गई थी। ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार को रजावली में पुलिस एक व्यक्ति को रामगढ़ गांव में लाई थी। उसके मुंह पर काला कपड़ा लपेटा हुआ था। हमें बाद में पता चला कि वह गांव का महेंद्र उर्फ पप्पू है। जिसने अपना धर्म परिवर्तन करके अब्दुल रहमान नाम रख लिया था। जो कि धर्मांतरण गिरोह का सरगना निकला।
ग्रामीणों ने बताया कि महेंद्र के पिता प्रेमपाल शराब के आदी थे। वह टुंडला रेलवे स्टेशन पर रहते थे। गुजर बसर के लिए वह स्टेशन पर भीख मांगते थे। उसके भाई भूरा की हत्या होने के बाद महेंद्र खेत, जमीन और जायदाद बेचकर मुंबई चला गया था। उसकी दो बहनें हैं। जिनकी शादी हो चुकी हैं और वे नारखी में रहती हैं।
ग्रामीणों को महेंद्र की हकीकत पता चलने पर वे उससे नफरत करने लगे हैं। गांव के गिंदरपाल सिंह का कहना है कि क्षत्रिय होकर उसने ऐसा घिनौना काम किया है। वह मुस्लिम बन गया और उसने तमा का धर्म परिवर्तन करा दिया। उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महेंद्र सिंह शातिर किस्म का व्यक्ति था। भाई की हत्या के बाद उसके दिमाग में कुछ ना कुछ चलता रहता था। अधिक पैसा कमाने के लिए उसने ये रास्ता चुना होगा। ग्रामीणों ने उसके लिए सख्त सजा की मांग की है।

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