आजमगढ़ : नहीं रहे पूर्वांचल के मालवीय प्रो. बजरंग त्रिपाठी... कल राम बाग घाट पर होगा अंतिम संस्कार!


आजमगढ़। ऑल इंडिया चिल्ड्रन केयर एजुकेशनल एंड डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा संचालित दो दर्जन शिक्षण संस्थाओं के संस्थापक व पूर्वांचल के जाने-माने ख्यातिलब्ध शिक्षाविद, पूर्वांचल के मालवीय कहे जाने वाले प्रो. बजरंग त्रिपाठी का लंबी बीमारी के बाद निधन, आज प्रातः काल उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। अंतिम संस्कार जहांगीरगंज, अंबेडकर नगर के राम बाग घाट पर 18 तारीख को होगा। इंडिया चिल्ड्रन केयर एजुकेशनल एंड डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा संचालित सभी संस्थाएं तीन दिन के लिए बंद रहेगी।
प्रोफेसर बजरंग त्रिपाठी का जन्म उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जनपद के जहांगीरगंज कस्बे में 15 नवंबर 1943 को हुआ था। पिता का नाम स्वर्गीय विक्रम त्रिपाठी और माता का नाम स्व0 धनपति  देवी था । सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में ऊंचाईयों को छुआ। 1970 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उन्होंने एम.ए. किया। 1970-71 में साकेत कॉलेज, फैजाबाद में डिफेंस स्टडीज़ के लेक्चरर बने और 1972 में शिब्ली कॉलेज में लेक्चरर के रूप में नियुक्त हुए। उन्होंने कुल 28 वर्षों तक शिक्षण कार्य किया और हजारों छात्रों का मार्गदर्शन किया। शिक्षा के प्रति उनका झुकाव हमेशा बना रहा। शिक्षा से उनका जुड़ाव केवल पढ़ाने तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने इसे जीवन मिशन बना लिया।
7 जुलाई 1977 को उन्होंने आज़मगढ़ नगर के  हरबंशपुर स्थित एक किराए की बिल्डिंग में “चिल्ड्रन स्कूल” की स्थापना की, जो एलकेजी से लेकर कक्षा 8 तक चलता था। यह कदम उनके निजी सपनों की दिशा में पहला मजबूत कदम था। इसके बाद उन्होंने जमीन खरीदकर सर्फुद्दीनपुर में एक विशाल परिसर में चिल्ड्रन कॉलेज की स्थापना की।1986 में चिल्ड्रन कॉलेज को ICSE बोर्ड की मान्यता और 1992 में CBSE बोर्ड की मान्यता मिली। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने ऑल इंडिया चिल्ड्रन केयर एजुकेशनल एंड डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा संचालित चिल्ड्रन कॉलेज आजमगढ़(आईसीएससी) चिल्ड्रन सीनियर सेकेंडरी स्कूल (सीबीएससी),आजमगढ़ चिल्ड्रन कॉलेज इंग्लिश मीडियम(यूपी बोर्ड),की स्थापना की ।प्रो. त्रिपाठी ने शिक्षा को केवल किताबों तक नहीं सीमित रखा, बल्कि व्यावसायिक शिक्षा और मेडिकल क्षेत्र में भी क्रांतिकारी पहल की। डेंटल कॉलेज आजमगढ़(BDS), डेंटल कॉलेज आजमगढ़ (MDS),सर्वदेव आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज, फार्मेसी कॉलेज आजमगढ़, नर्सिंग कॉलेज आजमगढ़, धनपत्ति धर्मा पीजी कॉलेज आजमगढ़, B.Ed कॉलेज आजमगढ़,लॉ कॉलेज आजमगढ़ , राजकीय पॉलिटेक्निक अतरौलिया, राजकीय पॉलिटेक्निक माहुल, राजकीय पॉलिटेक्निक अखंड नगर सुल्तानपुर,राजकीय पॉलिटेक्निक पियुवाताल मऊ, राजकीय महिला पॉलिटेक्निक बाराबंकी, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान घनघटा बस्ती, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अंबारी आजमगढ़, सीबीएसई बोर्ड जहांगीरगंज, फार्मेसी कॉलेज जहांगीरगंज, नर्सिंग कॉलेज जहांगीरगंज, डी फार्मा, रक्षा मंत्रालय द्वारा निर्माणाधीन प्रोफेसर बजरंग त्रिपाठी सैनिक आज़मगढ़ सहित अनेक शिक्षण संस्थाओं की स्थापना की ।  आज, उनके द्वारा खड़ा किया गया शिक्षा संस्थानों का यह साम्राज्य हजारों छात्रों के भविष्य का निर्माण कर रहा है। जो देश-विदेश  में उच्च सेवा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं ।

प्रेरणास्रोत और आदर्श

प्रो. त्रिपाठी का मानना था कि उन्होंने जो कुछ भी हासिल किया, वह उनके गुरुओं की देन है। उन्होंने हमेशा अपने जीवन की सफलता का श्रेय कैप्टन अशफाक खान, मेजर एम.जे. हसन और डा. दीनानाथ लाल श्रीवास्तव को दिया।प्रो. बजरंग त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के पहले ऐसे प्राध्यापक थे जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर शिक्षा के क्षेत्र में स्वतंत्र प्रयास की मिसाल पेश की। जब वह शिब्ली कॉलेज में पढ़ा रहे थे, तब उन्होंने यह साहसिक निर्णय लिया और अपनी नई पारी शुरू की, जिसका असर आज पूरे पूर्वांचल पर देखा जा सकता है।
उनके निधन की सूचना मिलते ही जिले की तमाम गणमान्य लोगों ने पहुंच कर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए । आजमगढ़ के मंडल आयुक्त विवेक पुलिस उप महानिदेशक अरविंद सिंह ,आजमगढ़ के सांसद धर्मेंद्र यादव विधायक संग्राम यादव जिला अध्यक्ष हवलदार यादव बसपा के पूर्व सांसद डॉक्टर बलिराम, जिला पंचायत अध्यक्ष विजय यादव शिक्षक संघ की तमाम पदाधिकारी इंद्रासन सिंह दिवाकर तिवारी, शिक्षण संस्थानों के प्रबंधक राजेंद्र यादव, अयाज अहमद, अशोक श्रीवास्तव, शिव गोविंद सिंह, बैडमिंटन खिलाड़ी राजेंद्र राय अधिवक्ता आद्या प्रसाद सिंह,ओम प्रकाश, दीवानी बार पूर्व मंत्री अनिल राय, ओपी मिश्रा, बार के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, सहित अनेक लोगों ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए ।

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