देर रात खुले दुकान को बंद कराना पुलिस को पड़ा भारी..दबंगों ने दो सिपाहियों को पीटा, और फिर !



मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हनक लगातार घटती जा रही है। एक समय उनके मुख्यमंत्री बनने की खबर मात्र से अवैध मांस की दुकान हो या चैराहे के मजनू हों दहशत में रहते थे। लेकिन अब पुलिस की पिटाई करने में भी लोग नहीं चूक रहे हैं। शनिवार की रात पीलीभीत के पूरनपुर नगर में सिपाही को पीटने का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि रात्रि गश्त के दौरान देर रात तक दुकान खुलने को लेकर गश्ती दल के दो सिपाहियों ने ढाका मुहल्ले में दुकान बंद करने को कहे तो स्थानीय लोगों को नागवार लगा। मनबढ़ों ने बात-चीत को मार-पीट में बदल दिया। छह लोगों ने एक सिपाही के साथ हाथापाई शुरू कर दी। सिपाही को जमीन पर गिराकर पीटा। करीब पांच मिनट तक मारपीट होती रही। जिसका वीडियो भी वायरल हो रहा है। साथ मे गया दूसरा सिपाही निष्क्रिय बन गया। वीडियो में मौजूद दूसरे सिपाही की निष्क्रियता साफ दिखाई भी दे रही है। मारपीट के दौरान वह हस्ताक्षेप के बजाय दूरी बनाए खड़ा रहा। न ही उसने आला अफसरों को फोन कर सूचना आदि दी। हालांकि, पूरे मामले में पीड़ित सिपाही की ओर से पूरनपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस आरोपियों की तलाश में धरपकड़ में जुटी हैं।
इस संदर्भ में पूरनपुर के थानाध्यक्ष सतेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रकरण में तीन गिरफ्तारी हो गयी है। बाकी फरार हैं।उनकी भी जल्द गिरफ्तारी हो जायेगी। निष्क्रिय सिपाही के संदर्भ में कहा कि विभागीय जांच आरंभ हो गयी है। जांच के बाद शीर्ष अधिकारी उचित कार्रवाई करेंगे।बता दें कि 2024 के बाद भारत-नेपाल सीमा से सटा जिला पीलीभीत बहुत संवेदनशील हो गया है। आतंकी गतिविधि हो या आतंकियों की गिरफ्तारी, धर्मांतरण का मुद्दा हो या आपराधिक घटना लगातार बढोत्तरी की शिकायतें मिल रही हैं। भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री जतिन इस जिले के प्रवासी नेता का व्यवहार करते हैं।गुजराती भाजपाई नेतृत्व द्वारा मेनका गांधी-वरुण गांधी से हर कीमत पर जिला छुड़ाने की अंहकारी जिद ने यहां की सुरक्षा व सामाजिक ताने बाने को ध्वस्त कर दिया है।

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