लखनऊ। प्रदेश के इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर में कथा सुनाने गए यादव कथावाचकों के जाति छुपाने और उनके साथ मारपीट के मामले में विवाद बढ़ता जा रहा है। अब दोनों कथावाचकों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। कथावाचक मुकुट मणि यादव की मुश्किलें अब बढ़ती जा रही हैं। उन पर फर्जी आधार कार्ड बनवाने और जाति छिपाने को लेकर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। ये मामला 21 जून से शुरू हुआ, जब मुकुट मणि यादव अपने सहयोगी संत सिंह यादव के साथ इटावा के दादरपुर में कथा सुनाने गए। यहां उनके साथ मारपीट की गई। उन पर आरोप था कि उन्होंने जाति छिपाई। इसके साथ ही महिला के साथ अभद्रता करने का आरोप भी लगा था, जिसके बाद दादरपुर में दोनों का सिर मुंडवाकर उन्हें गांव से बाहर कर दिया गया था।
इसके बाद इस मामले में कथावाचकों पर केस दर्ज कराया था। चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया और बाकी लोगों की भी तलाश की जा रही थी। लेकिन अब बकेवर थाने में दोनों के खिलाफ फर्जी आधार कार्ड बनाने और जाति छुपा कर कथा करने के मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकुट मणि यादव के पास दो आधार कार्ड मिले और दोनों में उनका अलग-अलग नाम था।
मुकुट मणि यादव के एक आधार कार्ड में उनका मुक्त सिंह और दूसरे में मुकुट मणि अग्निहोत्री था। हालांकि दोनों आधार कार्ड का नंबर एक ही था। अब पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दोनों आधार कार्ड कहां से बनवाए गए। इसके अलावा कथा आयोजक की पत्नी ने भी कथावाचक के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए तहरीर दी थी। कथा आयोजक की पत्नी रेणु तिवारी ने कथावाचक पर छेड़खानी का आरोप लगाया और बताया कि हम उनका सम्मान कर रहे थे। लेकिन उनकी हरकतें ठीक नहीं थी। जब मैंने अपने पति को बताया तो उन्होंने कथा में बाधा न हो इसलिए चुप रहने के लिए कहा था। लेकिन कथावाचक की हरकतें बढ़ती जा रही थीं। फिर उनसे माफी मंगवाई गई। मामले को बढ़ता देख दादरपुर गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पहले कथावाचक पर जाति छिपाने को लेकर मारपीट की बात सामने आई थी और फिर महिलाओं के साथ अभद्रता करने की बात सामने आई और अब केस दर्ज किया गया है।
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