चोटी काटी...सिर मुड़वाया- नाक रगड़वाई, पैर छुवाए...ब्राह्मण न होने पर भगवताचार्य को पीटा; 5 घंटे बंधक बनाया!


लखनऊ। इटावा जिले से शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। ब्राह्मण न होने की जानकारी पर महेवा के दांदरपुर गांव में शनिवार रात ग्रामीणों ने भगवताचार्य मुकट मणी (मुक्त सिंह) व उनके सहयोगियों को पीटा। ग्रामीणों ने भगवताचार्य का सिर मुड़वाकर चोटी काट दी। नाक रगड़वाकर, गांव के लोगों के पैर छुआकर माफी मंगवाई। बाइक की हवा निकालकर दोबारा पंप से हवा भरवाई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद खलबली मच गई। शनिवार को दांदरपुर गांव में ग्रामीणों ने श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कराया था। इसमें भगवताचार्य मुकट मणी (मुक्त सिंह) निवासी गांव थाना सिविल लाइन को व्यास के रूप में बुलाया गया था। इनके साथ दो अन्य सहयोगी संत सिंह यादव निवासी कानपुर देहात और श्याम सिंह कठेरिया निवासी अछल्दा आए थे।
सुबह कलश यात्रा होने के बाद देर शाम पाठ समाप्त हो गया। इस बीच ही गांव में भगवताचार्य ब्राह्मण न होने की चर्चा शुरू हो गई। जानकारी होने पर गांव के लोग आक्रोशित हो उठे। इसके बाद तीनों के साथ बर्बरता की गई। मुकट मणी ने आरोप लगाया कि उनसे 25 हजार रुपये, एक चेन और अंगूठी लूट ली। पीड़ित मुकट मणी सोमवार को सपा सांसद जितेंद्र दोहरे, भरथना विधायक राघवेंद्र गौतम, सपा जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य के साथ एसएसपी से मिलने पहुंचे। एसएसपी के आदेश पर अतुल डीलर, पप्पू बाबा के साथ ही 50 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। चोटी काटने वाले निक्की अवस्थी (30), उत्तम अवस्थी (18), आशीष तिवारी (21), प्रथम दुबे उर्फ मनु दुबे (24) निवासी गांव दांदरपुर को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी पहलुओं पर जांच कराई जा रही है। सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अभद्रता के शिकार हुए भगवताचार्य के पास दो अलग-अलग आधार कार्ड मिले हैं। एक आधार कार्ड पर मुकट मणी अग्निहोत्री लिखा हुआ है। इसमें पता ब्लॉक चौराहा, महेवा रोड अछल्दा औरैया लिखा है। एसएसपी से मिलने पहुंचे मुकट मणी ने अपना एक और आधार कार्ड पत्रकारों को दिखाया। इसमें उसका नाम मुक्त सिंह निवासी गांव नग्ला मोतीराम, पोस्ट निवाड़ीकलां, कुशगंवा अहिरन इटावा लिखा हुआ है। पुलिस की जांच में भगवताचार्य का असली पता शहर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के जवाहरपुर का निकला है। इस पते का किसी भी आधार कार्ड में जिक्र नहीं है।
दोनों आधार कार्ड पर एक ही नंबर है। भगवताचार्य ने आरोप लगाया है कि बचाव के लिए आरोपी ग्रामीणों ने उनका एक फर्जी आधार कार्ड बनवाकर पुलिस को सौंप दिया है, जबकि गांव के लोगों ने बताया कि पूछताछ करने पर आरोपी ने अपने आधार कार्ड दिए थे। ग्रामीणों ने बताया कि बाबा लगातार भ्रमित करने के लिए खुद को मथुरा और वृंदावन का बताता था। खुद को इसने ब्राह्मण भी बताया था, लेकिन शनिवार को कथा में आए इसके गांव के ही एक ग्रामीण ने यादव होने की जानकारी दी थी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर ट्वीट में कहा कि इटावा के बकेवर इलाके के दांदरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछी गई। पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हुए बाल कटवाए। हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है। सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो। अगर आगामी तीन दिनों में कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन का आह्वान कर देंगे। पीडीए के मान से बढ़कर कुछ नहीं।

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