वाराणसी। जिला जेल की डिप्टी जेलर मीना कनौजिया ने जेल अधीक्षक उमेश सिंह पर उत्पीड़न और धमकी देने के गंभीर आरोप लगाए हैं। मीना ने बताया कि डेढ़ साल से उमेश ने उनका जीना मुश्किल कर दिया गया है और अब उनकी जान को भी खतरा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है। ‘तीन साल पहले कांस्टेबल से डिप्टी जेलर बनी। बहुत खुश थी, लेकिन पिछले डेढ़ साल से इस राक्षस (जेल अधीक्षक उमेश सिंह) ने जीना हराम कर रखा है। इसके रहते जेल में कोई महिला अधिकारी सुरक्षित नहीं है। वाराणसी जिला जेल की डिप्टी जेलर मीना कनौजिया ये कहकर रोने लगती हैं। मीना कनौजिया ने बताया कि मेरे पहनावे को लेकर और दूसरी वजहों को लेकर जेल अधीक्षक उमेश सिंह छिंटाकशी तो किया करते थे लेकिन उनके घर पर बुलाने पर मेरे इंकार करने के बाद तो इंतहा हो गई है। डिप्टी जेलर मीना कनौजिया ने बताया कि अब तो मुझे मेरी और मेरे घरवालों की जिंदगी पर भी खतरा महसूस होने लगा है। मैंने हिम्मत कर के आज मीडिया से अपना दर्द साझा किया है और मीडिया के माध्यम से ही मैं माननीय मुख्यमंत्री जी से गुहार लगा रही हूं कि मुझे न्याय दिलाइए। क्योंकि सारे बड़े अधिकारी उमेश सिंह के खिलाफ बोलने से डरते हैं। इससे पहले भी एक डिप्टी जेलर रतन प्रिया ने उमेश सिंह के खिलाफ ऐसे ही आरोप लगाए थे, लेकिन उस मामले में भी कुछ नहीं हुआ। डिप्टी जेलर ने कहा कि उमेश सिंह कहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद चुनाव लडूंगा और जेल मंत्री बनूंगा। तब जिन लोगों ने मेरे खिलाफ आरोप लगाए हैं उनके साथ मैं वैसा ही सलूक करूंगा। मेरे खिलाफ शासन, प्रशासन और मुख्यालय कुछ नहीं करेगा। डिप्टी जेलर ने कहा कि जेल अधीक्षक को ये लग गया कि इसके रहते जेल में मनमानी नहीं हो पाएगी तो उसकी प्रताड़ना और बढ़ गई। मैं शासन से यही कहना चाहती हूं कि मेरा और इनका (जेल अधीक्षक उमेश सिंह) दोनों का ट्रांसफर यहां से कर दिया जाए। इनके रहते सरकार का स्लोगन बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ साकार नहीं हो पाएगा। उमेश सिंह के रहते महिला अधिकारी और कर्मचारी जिला जेल में सुरक्षित नहीं हैं। वहीं इस संबंध में जब जेल अधीक्षक उमेश सिंह से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। खबर लिखे जाने तक ये जानकारी मिली कि डिप्टी जेलर मीना कनौजिया का ट्रांसफर नैनी जिला जेल में कर दिया गया है।
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