लखनऊ। राजधानी के मलिहाबाद तहसीलदार के नाम से किसी ने गवर्नर आनंदी बेन पटेल को फर्जी नोटिस जारी कर दी। जमीन की वसीयत को लेकर नोटिस जारी गई। गर्वनर कार्यालय नोटिस पहुंची तो हड़कम्प मच गया। गर्वनर कार्यालय ने मामले में कड़ा रुख अपनाया। जिलाधिकारी कार्यालय को मामले में पत्र लिखा। कहा कि धारा 361 के तहत गर्वनर को इस तरह नोटिस नहीं दी जा सकती है। इसके साथ सख्त चेतावनी भी दी गयी। पत्र मिलने के बाद डीएम ने जांच कराई तो पता चला कि नोटिस ही फर्जी है। तहसीलदार के यहां से ऐसी कोई नोटिस जारी ही नहीं हुई है।गवर्नर आनन्दी बेन पटेल को जो नोटिस जारी की गयी है वह वसीयत के मामले को लेकर है। मलिहाबाद की मीरा देवी बनाम ग्राम सभा के मामले में नोटिस जारी की गयी है। धारा 34 के तहत नोटिस जारी की गयी है। जो की वसीयत को लेकर होती है। इसका मामला विवादित होने की वजह से राजस्व निरीक्षक ने तहसीलदार पोर्टल पर इसे आगे बढ़ाया था। इसमें गर्वनर का कोई लेना देना ही नहीं था। लेकिन फर्जी नोटिस में नीचे माननीय राज्यपाल महोदया लिखा गया था। इस नोटिस को देखने के बाद गर्वनर हाउस के अधिकारी सक्रिय हुए। तत्काल डीएम को पत्र भेजा गया। इसमें नोटिस पर कड़ी आपत्ति दर्ज करायी गयी। गर्वनर को जो फर्जी नोटिस भेजी गयी वह जीपीओ से डाक से भेजी गयी है। मलिहाबाद तहसील का कोई पत्र जीपीओ से नहीं भेजा जाता है। लेकिन इसे शरारत करने वाले ने हजरतगंज जीपीओ से भेजा। जांच की गयी तो पता चला कि एसी कोई नोटिस जारी ही नहीं हुई। इसके बाद अधिकारियों ने राज भवन को सफाई दी। उधर, राज भवन ने अपने पत्र में पहले भी इस तरह की नोटिस आने की बात लिखी है और इस पर कड़ी नाराजगी जतायी है। एसडीएम मलिहाबाद ने बताया कि नोटिस फर्जी है। इसे तहसीलदार ने जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि वसीयत के मामले में नोटिस नहीं जारी की जाती है। इसमें इश्तहार दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। फर्जी नोटिस जारी करने वाले को चिन्हित किया जाएगा।
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