लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शामली से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। शामली जिले में एक कुत्ते की मौत के बाद गांव वालों ने उसका अंतिम संस्कार किया। वहीं अंतिम संस्कार के बाद तेरहवीं का भोज भी कराया गया। जिस कुत्ते का अंतिम संस्कार किया गया उसका नाम लल्लू बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि लल्लू पूरे मोहल्ले में सबका दुलारा था। वो किसी भी अंजान व्यक्ति को मोहल्ले में आने नहीं देता था। बुलाने पर वो सबके पास जाकर बैठ जाता था। लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि लल्लू ने कभी किसी को नहीं काटा। वो 12 साल से लगातार यहीं लोगों के बीच रह रहा था। 12 साल में उसने एक भी बार किसी को नहीं काटा और न ही किसी को उसने कोई नुकसान पहुंचाया। लल्लू पूरे मोहल्ले का दुलारा था, यही वजह है कि लोगों ने लल्लू का विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार किया। लोगों ने बताया कि लल्लू की मौत बीमारी के कारण हुई है। जब भी कभी वो उदास होता था तो लोग उसकी मदद करते थे। लल्लू अपने मोहल्ले के लिए वफादार था, किसी भी अनजान व्यक्ति को वो मोहल्ले में आने नहीं देता था। लोगों ने लल्लू की मौत के बाद उसका पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार कराया। लल्लू की शव यात्रा निकाली गई, शव यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। लल्लू 12 साल से एक ही मोहल्ले में रह रहा था। लोगों ने मोहल्ले में स्थित गुरुधाम आश्रम में लल्लू की तेरहवीं का आयोजन किया। वहीं तेरहवीं के दौरान हवन का आयोजन किया गया। लल्लू की फोटो पर लोगों ने फूल माला चढ़ाकर शोक संवेदना व्यक्ति की। वहीं गुरुधाम आश्रम में तेरहवीं के भोज का भी आयोजन किया गया। लोगों ने उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की।
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