हाथी की चाल ने बदल ली पूर्वांचल की इस सीट पर चाल...अब चाचा भतीजे में होगी लड़ाई, भाजपा की राह हुई आसान?


लखनऊ। बस्ती जनपद में बसपा के उम्मीदवार को लेकर पार्टी ने बड़ा खेला कर दिया है। ब्राह्मण उम्मीदवार के अचानक हटा दिए जाने से यह वर्ग अब बसपा से खासा नाराज हो गया है। बसपा जिला अध्यक्ष जयहिंद ने पुष्टि करते हुए कहा कि लवकुश पटेल ने पार्टी हाईकमान के निर्देश पर उनकी ज्वाइनिंग करवा कर उन्हे बस्ती लोकसभा का कैडिडेट घोषित करते हुए सिंबल दिया गया है और आज उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट में अपना नामांकन दाखिल किया। बस्ती में बीएसपी उम्मीदवार के बदले जाने से सपा के लिए राह अब बहुत मुश्किल हो गई है। गौरतलब है लवकुश पटेल बस्ती लोकसभा के सपा कैडिडेट और पूर्व मंत्री रहे रामप्रसाद चौधरी के पुराने करीबी और दूर के रिश्तेदार रहे दिवंगत पूर्व विधायक नंदू चौधरी के बेटे है, और आज वे अपने ही चाचा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर रहे हैं।

अभी पार्टी ने लिखित तौर पर अभी पुष्टि नही किया है कि दयाशंकर मिश्र को हटाकर बसपा सुप्रीमो ने लवकुश पटेल को अपना प्रत्याशी बना दिया है लेकिन लवकुश पटेल के नाम को लेकर चर्चायें तेज हैं क्योंकि अचानक से आज नामांकन के अंतिम दिन लवकुश पटेल ने अंतिम समय में बीएसपी चिन्ह पर अपना पर्चा भर दिया और उन्हें सिंबल अलाट भी हो चुका है। लवकुश दो बार के पूर्व विधायक नंदू चौधरी के बेटे हैं। उनके चुनाव मैदान में आने से इण्डिया अलायंस के प्रत्याशी रामप्रसाद चौधरी कमजोर होंगे और इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा। खबर आ रही है कि लवकुश पटेल ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर 2.20 बजे अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया।

लवकुश पटेल पेशे से एक सफल बिजनेश मैन है, बड़े पैमाने पर ट्रांसपोर्ट और रियल स्टेट में उनका व्यापार है। बसपा से बस्ती सदर विधानसभा के विधायक रहे जितेंद्र चौधरी उर्फ नंदू के बेटे है लवकुश पटेल, जो कभी सक्रिय राजनीति में नहीं रहे। पहली बार उनके राजनीतिक कैरियर की शुरुआत अब सीधा लोकसभा चुनाव से होने जा रही है। लवकुश पटेल ने अपने फैसले से अचानक पूरे जनपद को चौंका दिया है। लवकुश पटेल अब बसपा के उम्मीदवार है और उनका मुकाबला उनके ही चाचा सपा कैडिडेट राम प्रसाद चौधरी से होने जा रहा है, जिनका वे काफी नुकसान कर सकते हैं।

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