लखनऊ। सूरज इन दिनों आग बरसा रहा है लेकिन चुनावी मैदान का पारा सामान्य से कई डिग्री ज्यादा है। वजह है मुकाबले में सबसे आगे निकलने की होड़ है। यूपी के पूर्वांचल की जिन 13 सीटों पर 7वें दौर में वोटिंग होनी है वहां सीएम योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच जबर्दस्त भिड़ंत हुई। आर-पार भले ही जुबानी हो लेकिन बीजेपी और सपा के समर्थक इस मुकाबले को किसी युद्ध से कम नहीं मान रहे।
यूपी की रणभूमि में सबसे बड़े संग्राम का ये वो आखिरी दौर है जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा। पूर्वांचल में तपती गर्मी के बीच चुनावी पारा लगातार चढ़ रहा है। आखिरी दौर में यूपी में पूर्वांचल की 13 सीटों पर जबर्दस्त मुकाबला है। सातवें चरण के प्रचार का 30 मई की शाम को थम जाएगा और आखिरी बचे कुछ वक्त में अपने समर्थकों में जोश भरने के लिए तमाम दल हदों की परवाह नहीं कर रहे।
चुनावी मैदान में इतिहास के पन्ने पलटे जाने जारी हैं। इतिहास के खलनायकों का जिक्र कर भविष्य की राह आसान की जा रही तो झूठ और सच के तराजू पर एक दूसरे के वादे और इरादों को भी तौला जा रहा। प्रचार की पिच पर आखिरी ओवर में धुआंधार बैटिंग का आलम ये है कि एक-एक दिन में दिग्गज नेता चार से 5 जनसभाएं कर रहे हैं। 5 साल में एक बार आने वाले इस प्रचार काल में सिर्फ गिनती के घंटे बचे हैं और अब ये क्लाइमेक्स की तरफ बढ़ चला है।
सीएम योगी ने बुधवार को कहा था दो लड़कों की सरकार जब भी बनती है अनर्थ होता है। याद करिए जब प्रदेश में सपा की सरकार भी और केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो राम मंदिर पर हमला हुआ, काशी में हमला हुआ। ये लोग फिर से उसी मानसिकता से आकर वैसी ही अराजकता पैदा करना चाहते हैं। उधर रॉबर्ट्सगंज में अखिलेश यादव ने कहा कि पेपर लीक नहीं हुआ है..जानबूझकर कराया है..ये इसलिए कराया जिससे नौजवानों को नौकरी न देना पड़े। अगर एनडीए ने रिकॉर्ड बनाया है नौकरी नहीं देने का.तो इंडिया गठबंधन नौकरी देने का रिकॉर्ड बनाएगा जहां इन्होंने नौकरी छीनने का रिकॉर्ड बनाया है तो हम नौकरी देने का रिकॉर्ड बनाएंगे।
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