लखनऊ। लोकसभा चुनाव अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में भी इसी चरण में मतदान होना है। एक जून को होने वाले मतदान से पहले पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी को बलिया में एक तगड़ा झटका लगा है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी और पूर्व मंत्री नारद राय ने सपा का दामन छोड़ दिया है। 30 मई को नारद राय बलिया में गृहमंत्री अमित शाह की सभा में बीजेपी का दामन थामने वाले हैं। नारद राय ने कहा कि जिस तरह अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव को धोखा दिया। उसी तरह अखिलेश ने उन्हें भी नहीं पूछा और यहां तक कि जब अखिलेश बलिया आए तो उन्होंने उनका नाम तक नहीं लिया। नारद राय ने अपने समर्थकों के साथ एक बैठक कर जय श्री राम का नारा भी लगाया। जिसका वीडियो सामने आया। यूपी तक की मानें तो नारद राय की नाराजगी की वजह सपा से इस बार टिकट का नहीं मिलना है। नारद राय ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पिछले सात सालों से लगातार बेइज्जत किया जा रहा है। अखिलेश यादव ने 2017 में मेरा टिकट काट दिया और 2022 में टिकट तो दिया लेकिन मेरे हारने का इंतजाम भी किया। कहा जा रहा है कि नारद राय भूमिहार बिरादरी से आते हैं और बलिया में भूमिहार बिरादरी पर उनकी पकड़ है। नारद राय के नाराज होने और बीजेपी में शामिल होने से निश्चित तौर सपा को नुकसान हो सकता है। इससे पहले अमित शाह से मिलने के बाद नारद राय ने एक्स पर लिखा, दुनिया में भारत का डंका बजाने वाले माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के यशस्वी गृह मंत्री और राजनीति के चाणक्य माननीय अमित शाह के संकल्प की समाज के अंतिम पंक्ति में बसे गरीब को मजबूत करने वाली सोच और राष्ट्रवादी विचारधारा को मजबूत करुंगा। जय जय श्री राम। राय ने अमित शाह के साथ मुलाकात की जो तस्वीर पोस्ट की है उसमें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर भी नजर आ रहे हैं। इससे इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं, राजभर ने इस मुलाकात में अहम भूमिका निभाई। यह मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में हुई।
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