विश्वविद्यालय में थे कभी करीबी मित्र...आज चुनावी मैदान में आमने-सामने!


जौनपुर। बीते दशक में पूर्वांचल की धरती ऐसे कई आपराधिक घटनाओं की गवाह बनी है। जो यह बताने के लिए पर्याप्त है कि राजनीतिक वर्चस्व, ठेकेदारी व अन्य व्यवसायिक क्षेत्र ने करीबी मित्रों को भी एक दूसरे का जानी दुश्मन बना दिया। पूर्वांचल में इन दिनों लोकसभा चुनाव के दौरान विधायक अभय सिंह के बयान की काफी चर्चा है। जिन्होंने बाहुबली धनंजय सिंह पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि यह लॉरेंस बिश्नोई का करीबी है। हालांकि यह बेहद दिलचस्प है कि दशकों से एक दूसरे के जानी दुश्मन बन बैठे धनंजय सिंह और अभय सिंह एक समय विश्वविद्यालय में करीबी मित्र हुआ करते थे।

दरअसल, 90 के दशक में खासतौर पर लखनऊ विश्वविद्यालय का शिक्षा के साथ-साथ छात्र संघ की राजनीति में भी बोलबाला था. खासतौर पर यहां से निकलने वाले छात्र नेताओं द्वारा सियासी दल और ठेकेदारी को चुनकर ही अपना दबदबा कायम किया जाता था। इसी समय अभय सिंह और धनंजय सिंह भी लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई करते थे और छात्र संघ की राजनीति में सक्रिय थे। वर्तमान समय में कानूनी कार्यवाही के बीच जौनपुर से बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी बसपा के सिंबल पर लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। वहीं दो बार से विधायक रहे अभय सिंह जौनपुर के लिए समाजवादी पार्टी के खिलाफ बागी तेवर दिखाकर बीजेपी के कृपाशंकर सिंह के पक्ष में समर्थन करते देखे जा रहे हैं। इसी बीच अभय सिंह का एक बयान काफी सुर्खियों में है। जब धनंजय सिंह को अभय सिंह ने लॉरेंस बिश्नोई का करीबी बताते हुए सबसे बड़ा डॉन बताया है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि जौनपुर की सीट पर इन दोनों बाहुबली छवि वाले नेताओं में से किसको जनता का समर्थन प्राप्त होता है।

लखनऊ विश्वविद्यालय से ही धनंजय सिंह और अभय सिंह एक दूसरे के करीबी मित्र रहें। ठेकेदारी में ही अपने-अपने दबदबे को लेकर यह दोनों एक दूसरे के खिलाफ हो गए. इस दौरान ऐसी कई अपराधी घटनाएं भी धनंजय सिंह और अभय सिंह के करीबियों से जुड़ी हुई है। जिन्होंने सीधे तौर पर इन दोनों को एक दूसरे का जानी दुश्मन बना दिया। हालांकि इसी बीच 2002 में धनंजय सिंह विधायक चुने जाते हैं जबकि राजनीति में अभय सिंह को अभी सफलता नहीं मिलती है। इसके बाद से ही यह दोनों एक दूसरे पर जुबानी हमला बोलने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते। इसी बीच राजनीतिक प्रभाव मिलने के बाद जहां धनंजय सिंह ने अपना वर्चस्व अलग-अलग गुट के साथ बढ़ाया वहीं ठेकेदारी के साथ ही अभय सिंह के मुख्तार गैंग से जुड़ने के भी तथ्य सामने आए।

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