लखनऊ। प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने तीन, कांग्रेस ने दो, बीजेपी ने दो और बीएसपी ने करीब 14 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है। खास बात यह है कि हर पार्टी ने इस बार अपने मौजूदा सांसदों का टिकट भी काटा है और उसमें सबसे ज्यादा टिकट बीजेपी ने काटे हैं। लेकिन बीएसपी चीफ मायावती ने इस बार अपने किसी मौजूदा सांसद को टिकट नहीं दिया है। दरअसल, बीते 2019 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में बीएसपी के कुल 10 सांसद जीते थे। लेकिन 2024 का चुनाव आते-आते हर सांसद से मायावती का भरोसा टूटता गया है। अब हालत यह है कि इस बार मायावती ने अपने किसी भी मौजूदा सांसद को फिर से टिकट नहीं दिया है और लगभग हर सांसद पार्टी छोड़कर चला गया है।
2019 के चुनाव में बीएसपी के टिकट पर संगीता आजाद, मलूक नागर, अतुल राय, हाजी फजर्लु रहमान, श्याम सिंह यादव, रितेश पांडेय, अफजाल अंसारी, राम शिरोमणि वर्मा और दानिश अली ने चुनाव जीता था। लेकिन इस बार किसी भी सदस्य को टिकट नहीं मिला और दो सदस्यों को छोड़कर लगभग हर सांसद पार्टी छोड़कर दूसरे दलों के साथ जा चुके है। कुछ मौजूदा सांसद दलबदलू होकर फिर से दूसरे दलों के टिकट पर चुनावी मैदान में बने हुए हैं। रितेश पांडेय फिर से बीजेपी के टिकट पर अंबेडकर नगर से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा गाजीपुर से अफजाल अंसारी और श्रावस्ती से राम शिरोमणि वर्णा इस बार सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं दानिश अली को अमरोहा से कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। जबकि संगीता आजाद, मलूक नागर, अतुल राय, हाजी फजर्लु रहमान और श्याम सिंह यादव इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। बता दें कि बीते 2019 के चुनाव में बीएसपी के 10, बीजेपी के 62, अपना दल एस के 2, कांग्रेस के एक और सपा के पांच सांसद चुनाव जीते थे। हालांकि उपचुनाव में सपा की दो सीटें कम हो गई और इनपर बीजेपी ने जीत दर्ज की।
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