वेतन विसंगतियों को लेकर जल निगम कर्मियों ने दिया धरना...जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन!



आजमगढ़। उत्तर प्रदेश जल निगम संघर्ष समिति के तत्वावधान में कर्मियों ने कार्यालय परिसर में वेतन विसंगतियों को लेकर प्रदर्शन किया। इसके पश्चात जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को 5 सूत्रीय मांग पत्र भेजा। आरोप है कि शासन द्वारा जहाँ पर अभी तक सातवां वेतनमान लागू नहीं किया गया है, वहां पर छठवें वेतनमान के अन्तर्गत 230 प्रतिशत, महंगाई भत्ता शनैः शनैः स्वीकृत किया गया है, किन्तु जल निगम नगरीय में अभी तक 189 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में 196 प्रतिशत अर्थात क्रमशः 41 एवं 34 प्रतिशत, कम दिया जा रहा है। इसलिए दोनों निगमों में मंहगाई भत्ता व राहत 230 प्रतिशत किया जाय। इस दौरान मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी अभी तक षष्टम वेतन के अवशेष का भुगतान जिसके लिए शासन द्वारा भी जल निगम को एक वर्ष पूर्व ही धन उपलब्ध करा दिया गया था, के बावजूद अभी तक भुगतान नहीं किया जा रहा है, जो उच्चतम न्यायालय एवं शासन दोनों के निर्णयों के विपरीत है। उन्होंने बताया कि जल निगम नगरीय में अभी भी वेतन व पेंशन का भुगतान सितम्बर तक किया गया है। इसलिए वेतन व पेंशन के माह के बैकलाग को समाप्त करते हुए दोनों निगमों में नियमित भुगतान प्रतिमाह समय पर पावर कार्पोरेशन की भांति पेंशन कोषागार (ट्रेजरी) से सम्बद्ध किया जाय। जल निगम (नगरीय व ग्रामीण) में सातवां वेतनमान सम्बन्धी शासनादेशों को जल निगम पर लागू किया जाय। इस अवसर पर प्रेमनरायन, राजकुमार यादव, सुधीर कुमार पाल, कालिका प्रसाद, रविकान्त, बृज किशोर, पंकज कुमार गुप्ता, सुनील कुमार चौहान, अरविन्द कुमार रैकवार, अवध किशोर, सुशील कुमार, प्रदीप कुमार उपाध्याय, पीयूष कुमार, बादल चौहान, धर्मपाल, लालबहादुर, संदीप कुमार, शैलेष कुमार, अनिल सोनी, आदर्श कुमार, गुलाम जिलानी, रामपति यादव, धीरज यादव, अशोक कुमार, रामबचन, प्रेम शंकर, मुन्नीलाल, मूलचन्द, शमसाद अहमद, राजेन्द्र उपाध्याय, कन्हैया, रामऋषि, दुर्गेश, उदयभान, श्यामराज, ओमप्रकाश, सब्बीर अंसारी, राजेन्द्र यादव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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