दहेज के लिए 8 माह की गर्भवती को भट्ठी में जलाकर मार डाला... जीएसटी विभाग में बाबू है आरोपित पति!



बरेली। दहेज के लिए आठ माह की गर्भवती की ससुरालियों ने भट्ठी में जलाकर बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी। उसका चेहरा, गला व सीना जल गया। शिकायती पत्र पर पुलिस ने पति अशोक कुमार, सास शांति देवी व ननद गीता देवी के विरुद्ध दहेज हत्या, उत्पीड़न व अन्य धाराओं में प्राथमिकी लिखी है। जीएसटी विभाग में बाबू आरोपित पति अशोक कुमार से पुलिस पूछताछ में जुटी है। बारादरी पुलिस के अनुसार, इज्जतनगर के रजत विहार निवासी दिनेश कुमार ने बेटी आकांक्षा का साल 2019 में बारादरी के दुर्गा नगर निवासी अशोक कुमार से विवाह किया था। अशोक जीएसटी विभाग में बाबू है जबकि उसके पिता जगदीश शरण रोडवेज में वर्कशाप में कार्यरत हैं। दिनेश का आरोप है कि बेटी के विवाह में उन्होंने 10 लाख रुपए खर्च किए। बावजूद ससुराल वाले दहेज के लिए बेटी का उत्पीड़न करते। आय दिन रुपए की मांग करते। रविवार सुबह आठ बजे अशोक ने फोन कर जानकारी दी कि आकांक्षा ने आग लगा ली है। जब सभी बेटी के ससुराल पहुंचे तो आरोपितों ने बताया कि उसे ईशान अस्पताल में भर्ती कर दिया है। वहां पहुंचे तो बेटी का चेहरा, गला व सीना बुरी तरीके से जला हुआ था। दोनों हाथ भी जले थे। उपचार के दौरान सोमवार भोर में आकांक्षा ने दम तोड़ दिया। दिनेश का आरोप लगाया कि ससुराल वालों ने हाथ पैर पकड़कर भट्टी में बेटी को झोंक दिया क्योंकि आकांक्षा के चेहरे, गले, सीने और हाथ के अलावा कहीं जले के निशान नहीं है। बाल नहीं जले हैं, जिसको आधार बनाकर बताया कि आरोपितों ने बेटी के बाल पकड़कर भट्ठी में झोंक दिया। सीओ तृतीय अनीता चौहान व इंस्पेक्टर बारादरी अमित पांडेय ने फोर्स संग घटनास्थल का निरीक्षण किया। घटनास्थल से माचिस की डिबिया, राख व एक कोल्डड्रिंक की बोतल मिली, जिसमें ही ज्वलनशील पदार्थ लाये जाने की बात कही जा रही है। इधर, शिकायती पत्र पर पुलिस ने पति, सास व ननद के विरुद्ध प्राथमिकी लिखकर अशोक से पूछताछ कर रही है। दिनेश कुमार मानसिक चिकित्सालय में परिचारक हैं। उन्होंने बताया कि आरोपित अशोक कुमार विवाह के बाद कभी घर नहीं आया। बेटी को हमेशा दरवाजे पर छोड़कर वह चला जाता था। कई बार वह वापस ना ले जाने की बात कहकर बेटी को घर छोड़ गया। जैसे-तैसे समझाता और बेटी को ससुराल भेज देता था लेकिन, ससुराली नहीं माने और उत्पीड़न जारी रहा। बताया कि अशोक के परिवार में कुछ लोग पुलिस में भी हैं। लिहाजा, जब भी विरोध करता तो आरोपित वर्दी का रौब दिखाते। कहते कि कहीं भी शिकायत कर लो, कुछ होने वाला नहीं है। घटना के बाद भी एक-दो माह में बाहर आने की बात आरोपित कहता रहा। आकांक्षा के तीन वर्ष की बेटी भी है।

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