प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हिंदू धर्म की निंदा करने, लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए उकसाने तथा प्रलोभन देने की आरोपित दो महिलाओं की जमानत मंजूर कर ली है और रिहा करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान ने अनीता देवी व एक अन्य की जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है। आजमगढ़ के महराजगंज थाने में दर्ज प्राथमिकी में दोनों महिलाओं पर आरोप है कि याची अनीता देवी और 30-35 लोगों के साथ बैठकर लोगों को ईसाई धर्म स्वीकार करने के लिए उकसाती थी। इसके साथ ही दोनों हिंदू धर्म विरोधी बातें करती थीं। शिकायतकर्ता ने जब आपत्ति दर्ज कराई तो उसे ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए पैसे की पेशकश की गई। उसने इन्कार किया तो उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद दोनों याचियों को गिरफ्तार कर लिया गया। याचियों की तरफ से अदालत में कहा गया कि उनके द्वारा किसी भी व्यक्ति का धर्म परिवर्तन नहीं किया गया और न ही किसी दूसरे धर्म के खिलाफ कुछ कहा। सरकारी अधिवक्ता ने जमानत अर्जी का विरोध किया लेकिन कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए जमानत अर्जी मंजूर कर ली।
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