एमएलसी चुनाव में खुल जाएंगे कई राज, अब खड़े हुए ये सवाल
दरअसल, इस उपचुनाव में बीजेपी गठबंधन के दोनों उम्मीदवारों की जीत तय मानी जा रही है। लेकिन असली पेच विरोधी दलों के बीच फंसा हुआ है। बीते निकाय चुनाव में बीजेपी के खिलाफ सपा गठबंधन टूटता नजर आया। सपा गठबंधन से अलग जयंत चौधरी और पल्लवी पटेल ने अपने उम्मीदवार उतारे और उनके लिए प्रचार किया. हालांकि बात यहीं खत्म नहीं होती।
नीतीश कुमार जब लखनऊ आए और अखिलेश यादव से मुलाकात की तो ओम प्रकाश राजभर की प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा कि अगर सपा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और मायावती के साथ गठबंधन करती है तो वो भी बीजेपी के खिलाफ इस गठबंधन को समर्थन देंगे। इसके अलावा जयंत चौधरी ने भी विपक्षी एकता की वकालत करते हुए कांग्रेस से आगामी चुनाव में गठबंधन की बात दोहराई है।
अब विपक्षी गठबंधन की तमाम कोशिशों के बीच खास बात ये है कि दो सीटों पर हो रहे विधान परिषद के उपचुनाव में बीजेपी के खिलाफ सपा के उम्मीदवार को कितनी पार्टियों का समर्थन मिलता है। गौरतलब है कि सपा गठबंधन से जयंत चौधरी और पल्लवी पटेल ने अलग होने का एलान नहीं किया है लेकिन निकाय चुनाव के बाद फिर साथ नजर नहीं आए हैं। दूसरी ओर विपक्षी एकता की बात करने वाले कांग्रेस, बसपा और सुभासपा के विधायक सपा के उम्मीदवार का साथ देंगे या नहीं, इस सवाल का जवाब भी 29 मई को मिलेगा।
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