19 साल बाद हुई कार्रवाई, सदन में पारित हुआ प्रस्ताव
सदन में सुनवाई के बाद पुलिसकर्मियों को दंड सुनाया जाएगा। करीब 19 साल बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होने जा रही है। घटना के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए विशेषाधिकार हनन से संबंधित प्रस्ताव रखा। इसमें कहा गया है कि विधानसभा के तत्कालीन सदस्य रहे सलील विश्नोई की शिकायत पर कानपुर के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी बाबूपुरवा समेत पांच अन्य पुलिसकर्मियों को विशेषाधिकार समिति ने 28 जुलाई 2005 को विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का दोषी करार दिया था।
समिति द्वारा सभी दोषी पुलिसकर्मियों को दंडित करने की संस्तुति की थी। तत्कालीन सीओ अब्दुल समद के अलावा किदवई नगर (कानपुर नगर) के तत्कालीन थानाध्यक्ष ऋषिकांत शुक्ला, तत्कालीन उप निरीक्षक कोतवाली त्रिलोकी सिंह, सिपाही छोटे सिंह यादव (किदवई नगर) और काकादेव थाने में तैनात तत्कालीन सिपाही विनोद मिश्रा व मेहरबान सिंह को दोषी करार दिया गया है। सीओ को छोड़ सभी पुलिसकर्मी अभी सेवा में हैं। जबकि सीओ अब्दुल समद बाद में दूसरी सेवा में आ गए थे और बाद में आईएएस होकर सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
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