अंतिम संस्कार के बाद ‘जिंदा’ हो गया युवक...पुलिस के लिए बना सिर दर्द, गांव वाले भी हैरान!


लखनऊ। प्रदेश के औरैया के सदर कोतवाली क्षेत्र में एक युवक का शव मिला। युवक की पहचान की गई और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन बाद में पता चला कि जिस शख्स के रूप में शव की पहचान कर अंतिम संस्कार किया गया है। वह जिंदा है. उसने गांव वालों को अपने जिंदा होने की जानकारी दी। अब जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया। उसकी पहचान कराना पुलिस के लिए सिर दर्द बन गया है।
मोहर्रम का त्योहार करीब आने पर जिस शख्स को मृत समझकर अंतिम संस्कार कर दिया गया था। उसने ग्रामीणों से संपर्क कर अपने जिंदा होने की जानकारी दी। अब जिस शख्स का अंतिम संस्कार असल में किया गया उसकी पहचान अंतिम संस्कार के बाद कराना पुलिस के लिए सिर दर्द बन गई है। दरअसल, सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव पुरवा रहट स्थित काशी ईंट भट्ठे के पास 27 जून की दोपहर को एक 40 वर्षीय युवक का शव मिला था। ग्रामीणों ने जानकारी दी कि जिस युवक का शव मिला। वह मानसिक रूप से बीमार था। उसे दो-तीन दिन से गांव के आसपास घूमते देखा गया था। शव की शिनाख्त के लिए पुलिस ने उसके फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किए थे। सोशल मीडिया पर पुलिस की ओर से अपलोड की गईं फोटो को देख सेंगनपुर के रहने वाले गुलमीर का बेटा समशुल और उनका पड़ोसी युसूफ खान पुलिस के साथ मोर्चरी पहुंचे। उन्होंने चेहरे से शव की पहचान समशुल के भांजे 40 साल के नूर मोहम्मद के रूप में की। उन्होंने बताया था कि नूर मोहम्मद मुंबई में प्राइवेट जॉब करता था। इसके बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजन को सौंप दिया था। परिजन शव को घर ले आए और रात में उसको गांव के ही कब्रिस्तान में दफन कर दिया। अंतिम संस्कार के बाद से 40वां समेत अन्य क्रियाओं की तैयारियों में जुटे गए थे।
इसी बीच मंगलवार को नूर मोहम्मद ने अपने घरवालों से वीडियो कॉल पर बात की और मोहर्रम पर घर आने की जानकारी दी। ये जानकर कि नूर जिंदा है ग्रामीण और परिजन भौचक्का रह गए। लेकिन मृतक की असली पहचान करवाना अब पुलिस मुश्किल हो गया है। क्षेत्राधिकारी अजीतमल महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि परिजन के मुताबिक हमशक्ल होने के चलते भूलवश शिनाख्त हो गई। नूर मोहम्मद के गांव आने के बाद ही मामला साफ हो सकेगा। घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई है।

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