रामपुर में सवा साल में चौथा चुनाव, यहां अब्दुल्ला आजम थे एमएलए
इस हंगामे में अब्दुल्ला समेत नौ लोगों को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने इस मामले में हंगामा करने वाले सभी लोगों पर सरकारी काम में बाधा डालने और भीड़ को उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया था। इस मामले में कोर्ट ने आजम खां के साथ अब्दुल्ला आजम को भी दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद विधानसभा सचिवालय की ओर से 15 फरवरी को अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द किए जाने संबंधी आदेश जारी किया गया था। अब्दुल्ला 2017 के विधानसभा चुनाव में रामपुर जिले की स्वार सीट से निर्वाचित हुए थे।
अब्दुल्ला आजम शायद एकमात्र ऐसे राजनेता हैं जिसकी विधायकी तीन साल के अंदर दो बार निरस्त हुई हो। अब्दुल्ला आजम 2017 के विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से निर्वाचित हुए थे। उनके निर्वाचन को उनके मुकाबले चुनाव लड़ने वाले बसपा के प्रत्याशी नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने हाईकोर्ट में चुनावी याचिका दायर कर चुनौती दी थी। आरोप था कि चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करते वक्त अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम थी। हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को उनके निर्वाचन को रद्द कर दिया था। इसके बाद अब्दुल्ला ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट के आदेश को बहाल रखा था।
छानबे (सुरक्षित) विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में आती है। 2022 में छानबे (सुरक्षित) में कुल 47.29 प्रतिशत वोट पड़े। 2022 में राहुल प्रकाश कोल ने समाजवादी पार्टी के कीर्ति को 38113 वोटों के मार्जिन से हराया था। छानबे विधानसभा से अपना दल (एस) के विधायक राहुल प्रकाश कोल कैंसर से जंग हार गए। उन्होंने 2 फरवरी 2023 को मुंबई स्थित अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह मात्र 40 वर्ष के थे और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ रहे थे। उनके पिता पकौड़ी कोल अपना दल(एस) से राबर्ट्सगंज (सोनभद्र) से सांसद हैं। उनके निधन के बाद से छानबे सीट खाली है।
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