दो सीओ,3 इंस्पेक्टर समेत 12 पर केस दर्ज... जानें क्या है पूरा मामला



अमरोहा। जिले के हसनपुर कोतवाली क्षेत्र में साल 2014 में गजरौला मार्ग पर मनौटा पुल के पास लूटी गई डीसीएम के मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं करने, कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई रिपोर्ट में एफआर लगाने और बरामद डीसीएम को लावारिश दिखाकर नीलाम करने व बदमाशों से मिलीभगत होने का आरोप लगाते हुए आदमपुर निवासी व्यक्ति ने तत्कालीन सीओ जितेंद्र सिंह, उनके बाद रहे तत्कालीन सीओ सोमेंद्र नेगी, तत्कालीन इंस्पेक्टर रामपाल भाटी, तत्कालीन इंस्पेक्टर इंद्रमणि वर्मा, तत्कालीन इंस्पेक्टर अनिल समानिया समेत 12 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।

पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आदमपुर निवासी शब्बीर पुत्र जुम्मा ने कोर्ट को बताया कि एक अप्रैल 2014 की रात करीब 11 बजे मनौटा पुल पर कार सवार चार बदमाशों ने डीसीएम टाटा 1109 को लूट लिया था। इसके साथ दो हजार की नगदी भी लूट ली थी। आरोप है कि थाने में बदमाशों से मिलीभगत के चलते तत्कालीन हसनपुर कोतवाली के इंस्पेक्टर रामपाल भाटी ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इसके बाद न्यायायल के आदेश पर मुकदमा तो हुआ लेकिन तत्कालीन विवेचक आरके यादव ने मामले में एफआर लगा दी।

कुछ समय बाद तत्कालीन इंस्पेक्टर इंद्रमणि वर्मा व दरोगा विजय सिंह राणा ने वाहन को बरामद कर लिया था। जबकि इसे लूट के केस में दर्ज ना करके 18 अगस्त 2015 को लावारिश वाहन में दर्ज कर लिया था। इंस्पेक्टर से लेकर सीओ तक इसकी शिकायत की गई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आरोप है कि वाहन की नंबर प्लेट को हटाकर दूसरी नंबर प्लेट लगाकर वाहन की नीलामी कर दी गई। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक से भी शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब अदालत के आदेश पर वाहन लूट के आरोप में वसीम, मारूफ, भूरा मिस्त्री निवासीगण कस्बा उझारी, थाना सैदनगली, असलम निवासी फत्तेहपुर मिलक थाना सैदनगली जबकि धोखाधड़ी के आरोप में तत्कालीन इंस्पेक्टर रामपाल भाटी, तत्कालीन इंस्पेक्टर इंद्रमणि वर्मा, तत्कालीन इंस्पेक्टर अनिल समानिया, तत्कालीन सीओ जितेंद्र सिंह, तत्कालीन सीओ सोमेंद्र नेगी, एसआई आरके यादव, एसआई विजय सिंह राणा, सुनील कुमार हैड मोहर्रिर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 व 406 के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज की गई है।

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