शिवलिंग की जाँच लिए दोहरीघाट पहुंची पुरातत्व विभाग की टीम


विकास गुप्ता

दोहरीघाट/मऊ। घाघरा नदी से श्रावण माह के प्रथम सप्ताह में मिले चांदी के शिवलिंग के रहस्यों की जांच के लिए मंगलवार को पुरातत्व विभाग की टीम बाबा मेलाराम मन्दिर पहुची। इस दौरान टीम ने शिवलिंग की गहनता से जांच पड़ताल किया तथा शिवलिंग की ऊँचाई और चौड़ाई की नाप कर उसको अपने रिकार्ड बुक में दर्ज किया। बताते चले की 16 जुलाई दिन शनिवार की सुबह पुल के नीचे स्नान कर रहे राममिलन साहनी के पैरों से कोई ठोस वस्तु टकराई थी। जिसको बाहर निकाला गया तो वह शिवलिंग था।

जिसको विधिवत पूजा पाठ कर थाने ले जाया गया।जहां स्थानीय लोगो की उपस्थिति में शिवलिंग की जांच की गई तो ऊपरी हिस्सा चांदी तथा अंदर लाख भरा हुआ था। जिसका वजन कराया गया 21 किलो निकला। जिसके बाद उसे थाने के मालखाने में रख दिया गया था। जिसके बाद स्थानीय लोगो के आग्रह पर शिवलिंग को भव्य शोभायात्रा निकाल बाबा मेलाराम मन्दिर परिसर में स्थापित करने के लिए प्रशासन की अनुमति से लाया गया। जहां पर भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। प्रतिदिन शिवलिंग को देखने व पूजा पाठ के लिए भारी भीड़ श्रद्धालुओं की उमड़ रही है।


मंगलवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर पुरातत्व विभाग व संस्कृतिक विभाग की टीम सुभाष चन्द्र यादव के नेतृत्व में जांच के लिए पहुची। टीम आने की सूचना पर मन्दिर परिसर में भारी भीड़ जुट गई। पुरातत्व विभाग की टीम ने शिवलिंग की लम्बाई, चौड़ाई तथा उसकी परिधि की नाप जोख कर उसको रिकॉर्ड बुक में दर्ज कर लिया। इस सम्बंध में पुरातत्व विभाग के अधिकारी सुभाष चन्द्र यादव ने बताया कि इस शिवलिंग के रहस्यों की जांच की जा रही है। टीम द्वारा इसका पता लगाया जाएगा कि यह कितने वर्ष पुराना है तथा क्या यह शिवलिंग यही था कि कही से बह कर आया है।पूरी जानकारी एकत्रित कर जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।प्रभारी निरीक्षक हरिशंकर सिंह ने मन्दिर परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगवाने के लिए मन्दिर के महंत को निर्देश दिया। पुरातत्व विभाग की टीम पूरे मन्दिर परिसर तथा जिस स्थान से मिला है उसकी गहनता से जांच कर वापस चली गई तथा रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौपने की बात कही।

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