दरअसल, श्रावस्ती जिले के सोनवा थाने के रमवापुर धुम्बौझी निवासी होंसी लाल पुत्र कृपाराम की बहन 35 वर्षीय ऊषा देवी की शादी 18 वर्ष पूर्व रिसिया थाने के रमवापुर के मजरे रघवाजोत निवासी महेश कुमार पुत्र राम उदित के साथ हुई थी. ऊषा देवी से चार बेटियां व एक बेटा था. सोमवार की देर रात महेश ने तकरार पर ऊषा को जमकर पीटा. आरोप है कि उसे बचाने के बजाय जेठ कमलेश व देवर राम अलख ने भी ऊषा को लाठी डंडे से पीटा था. जिससे उसकी बहन की मौत हो गई. साथ ही घटना की सूचना दिए बगैर ही शव जला दिया गया है.
सूचना पाकर रिसिया थाने की पुलिस हरकत में आई. फोरेंसिक टीम को साथ लेकर दबिश दी गई. जलती हुई चिता से शव के बचे हुए अवशेष को निकाला गया. फोरेंसिक टीम के रमेश गंगवार, सैय्यद इरफान व दीपिका मिश्र ने तहकीकात की. शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. एसओ इंद्रजीत ने बताया कि संदिग्ध हालात में महिला की मौत हुई है। जिसे आनन-फानन में चिता में जलाने की कोशिश की जा रही थी. उसके बचे अधजले अवशेष को निकलवा कर फोरेंसिक जांच के साथ पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर स्थिति साफ होगी.
बहन की मौत की जानकारी मिलते ही भाई जीवन लाल, हौंसी लाल व धनीराम अपनी मां सुखदेई के साथ मंगलवार को सुबह सात बजे रघवाजोत गांव पहुंचे, तो पता चला लाश अंतिम संस्कार को ले जाई गई है. जब यह लोग चिता स्थल पर पहुंचे, तब तक चिता में आग लग चुकी थी. इन लोगों ने बहन का मुंह देखने को चिता की लकड़ी हटाने की कोशिश की, तो उन पर दो दर्जन लोगों ने हमला कर मारपीट की. यह सभी लोग जान बचाकर भागकर थाने पहुंचे, और घटना की जानकारी दी.
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