शिक्षकों के समायोजन और तबादले की नीति जारी- जाने कब से होगा जिले के अंदर ट्रांसफर


लखनऊ। सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के शिक्षकों का जिलों के अंदर तबादला/ समायोजन ऑनलाइन किया जाएगा. समायोजन के लिए अध्यापकों को 25 स्कूलों का विकल्प देना होगा. बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने समायोजन, तबादले नीति जारी कर दी है. 10 दिन के अंदर इसका पोर्टल खोल दिया जाएगा. तबादले में किसी भी तरह की गड़बड़ी के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे. जिन शिक्षकों के रिटायर होने को दो साल बचे हैं, उन्हें समायोजन प्रक्रिया से अलग रखा जाएगा हालांकि वे चाहें तो आवेदन कर सकेंगे. यदि सरप्लस शिक्षकों में दिव्यांग, असाध्य या गंभीर रोग से ग्रसित, एकल अभिभावक हैं तो उन्हें छोड़ते हुए वरिष्ठता के आधार पर समायोजन किया जाएगा.

तबादले के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, डायट प्राचार्य, वित्त व लेखाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य होंगे. इसमें सबसे पहले सरप्लस शिक्षकों वाले स्कूलों की पहचान की जाएगी. इसके साथ ही आवश्यकता वाले स्कूलों की सूची इस क्रम में तैयार की जाएगी. शिक्षक विहीन, एकल शिक्षक और ऐसे स्कूल जहां दो से अधिक हैं लेकिन आरटीई के मानकों के मुताबिक रिक्तियां हैं. समायोजन सरप्लस से आवश्यकता वाले स्कूलों में किया जाएगा. किसी भी आवश्यकता वाले स्कूल से तबादले नहीं किए जाएंगे. सरप्लस और आवश्यकता वाले स्कूलों को वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा. पहले सरप्लस स्कूलों वाले अध्यापक-अध्यापकों से आवश्यकता वाले 25 स्कूलों का विकल्प लेते हुए तबादला किया जाएगा. यदि आवेदन पत्र एक से ज्यादा होंगे तो वरीयता तय करने के मानक भी तय किए गए हैं. शिक्षक अपनी इच्छानुसार स्कूलों का चयन कर सकेंगे.

इस चरण के बाद दूसरे चरण में सरप्लस शिक्षकों वाले स्कूलों से शिक्षकों का समायोजन विभाग अपने स्तर से आवश्यकता वाले स्कूलों में करेगा. स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों की संख्या अवरोही क्रम में बनाते हुए कार्रवाई की जाएगी. शिक्षक विहीन स्कूलों में तीन शिक्षक, एकल शिक्षक वाले स्कूलों में दो और बाकी स्कूलों में मानकों के मुताबिक शिक्षक तैनात किए जाएंगे. यदि उस ब्लॉक में रिक्ति नहीं है तो सरप्लस शिक्षक और अन्य ब्लॉक में भेजा जा सकता है. सरप्लस शिक्षकों को उनके वरिष्ठता के आधार पर अवरोही क्रम में सूचीबद्ध किया जाएगा और उन्हें क्रमशः शिक्षक विहीन, एकल शिक्षक आदि स्कूलों में समायोजित किया जाएगा. वरीयता तय करने के मानक तय किए गए है. सेवा के लिए एक अंक-अधिकतम 10 अंक, असाध्य या गंभीर रोग (स्वयं, जीवनसाथी या बच्चे) -15 अंक, दिव्यांग अध्यापक (स्वयं, जीवनसाथी या बच्चे) 10 अंक, सरकारी नौकरी करने वाले पति या पत्नी के जिले में-10 अंक, एकल अभिभावक- 10 अंक, महिला अध्यापिका 10 अंक, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त 5 अंक, राज्य पुरस्कार प्राप्त 3 अंक की वरीयता मिलेगी.

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