वाराणसी। रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध की स्थिति बनने के साथ ही पूर्वांचल के उद्योगों को 200 करोड़ रुपये के नुकसान की संभावना जताई जा रही है। तनाव की स्थिति के चलते पिछले 15 दिन से ज्यादा समय से आर्डर रूके थे और युद्ध की घोषणा के साथ ही आर्डर कैंसल होने शुरू हो गए है। जिसका आंकड़ा 200 करोड़ से ज्यादा होने का अनुमान है।
डालर-आयल के कीमतों पर असर
दरअसल यहां के कारपेट, वाल हैंगिग, दरी, बनारसी साड़ी, हैंडीक्राफ्ट, गुलाबी मीनाकारी, लकड़ी के खिलौने आदि अमेरिका, रुस सहित अन्य देशों में भेजे जाते हैं। पूर्वांचल एक्सपोर्ट संघ के पूर्व अध्यक्ष राजीव अग्रवाल का मानना है कि युद्ध शुरू होने के साथ ही डालर और आयल की कीमतों पर असर दिखने लगा है।
फरवरी-मार्च व्यवसाय का मुख्य समय
रूसी हमले के बाद ज्यादातर निर्यात के आर्डर रोक दिए गए हैं और 25 फीसदी से ज्यादा आर्डर कैंसल होने की आशंका है। फरवरी और मार्च ही निर्यात के आर्डर का मुख्य समय होता है। पूर्वांचल एक्सपोर्ट संघ के पूर्व अध्यक्ष जुनैद खान ने बताया कि करीब 200 करोड़ के आर्डर रद्द हो सकते हैं। इस युद्ध से कई देशों पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
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