बलिया। बैरिया सीट से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह को चुनाव लड़ने के लिए श्नावश् का सहारा मिल गया है। मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी ने सुरेंद्र सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। सुरेंद्र सिंह 11 फरवरी को बतौर वीआईपी प्रत्याशी नामांकन दाखिल करेंगे।
टिकट कटने के बाद से हुए बागी
भाजपा ने इस बार कुछ चुनिंदा विधायकों के ही टिकट काटे हैं। इनमें सुरेंद्र सिंह भी शामिल हैं। अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले सुरेंद्र सिंह की जगह मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल को बलिया की बैरिया सीट से मैदान में उतारा है। टिकट कटने के बाद से ही सुरेंद्र सिंह ने बगावती रुख अख्तियार कर लिया था। वीआईपी की तरफ से टिकट मिलने के बाद सुरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को नामांकन करने की घोषणा की। सुरेंद्र सिंह ने कहा कि वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष साहनी उनके घर आए और अपना प्रत्याशी बनने की मंशा जाहिर की। इसके बाद सुरेंद्र सिंह ने हामी भर दी।
हमारी नाव को भी पार लगायेगी जनता
सुरेंद्र सिंह ने ट्वीट भी किया। लिखा कि विकासशील इंसान पार्टी पार्टी ने हमारी भावनाओ को ख्याल रखते हुए अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह नाव पर चुनाव लड़ने का आग्रह किया। हमने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए उनके चुनाव चिन्ह नाव पर चुनाव लड़ने का फैसला किया। सुरेंद्र सिंह ने वीआईपी का प्रत्याशी बनने के बाद सीएम योगी का बिना नाम लिये कटाक्ष भी किया। कहा कि जिस समाज ने भगवा नाम की नाव पार लगाई थी, अब वही समाज हमारी नाव को भी पार लगायेगी। सुरेंद्र सिंह का इशारा निषाद समाज की तरफ था।
भाजपा के साथ गठबंधन पर नहीं बनी बात
गौरतलब है कि मुकेश सहनी निषाद समाज से आते हैं। उनके कोर वोटर निषाद ही हैं। इसके अलावा उनका चुनाव चिह्न भी नाव है। मुकेश सहनी यूपी में भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे लेकिन बात नहीं बनने पर अकेले लड़ने का फैसला किया और कई सीटों पर प्रत्याशी उतार दिया है। खासकर बिहार से सटे जिलों में वीआईपी ने बीजेपी को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रत्याशियों को उतारा है।
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