...और जब बुलंदशहर में टकराया अखिलेश-जयंत के रथ से प्रियंका गांधी का काफिला-जाने क्या हुआ



लखनऊ। 18वीं विधानसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव प्रचार में नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है। राजनीति में बहुत कम अवसर दिखने को मिलते हैं जब दो प्रतिद्वंद्वी दलों के राजनेता सार्वजनिक रूप से भी एक-दूसरे का पूरा सम्मान भी करें, लेकिन गुरुवार को बुलंदशहर में ऐसा ही हुआ। वहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह के काफिले के रास्ते में जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का काफिला आ गया तब तीनों नेताओं ने एक-दूसरे का अभिवादन किया।

अखिलेश-जयंत ने प्रियंका गांधी का हाथ जोड़ किया अभिवादन

यूपी कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा गुरुवार को चुनाव-प्रचार के लिए बुलंदशहर पहुंचीं। शाम करीब साढ़े छह बजे जहांगीराबाद के अनूपशहर अड्डा तिराहा से प्रियंका वाड्रा का काफिला मुख्य बाजार से निकल रहा था। प्रियंका अपनी खुली छत वाली कार में सवार थीं। उसी दौरान अखिलेश-जयंत चौधरी का समाजवादी रथ औरंगाबाद की ओर से तिराहे पर पहुंच गया। उस समय अखिलेश-जयंत समाजवादी रथ के अंदर थे। इधर, जब प्रियंका वाड्रा ने दोनों के रथ को देखा तो उन्होंने हाथ हिलाया। यह देख अखिलेश और जयंत चौधरी भी अपने रथ के ऊपर आ गए और दोनों नेताओं ने प्रियंका को देखते हुए उनका हाथ जोड़कर अभिवादन किया। प्रियंका इस दौरान लगातार मुस्कुराते हुए अखिलेश-जयंत को देखती भी रहीं और हाथ भी हिलाती रहीं। यह क्रम करीब एक मिनट तक चलता रहा। इसके बाद अखिलेश-जयंत का समाजवादी रथ आगे बढ़ गया।

कुछ ही देर में इंटरनेट मीडिया आए पोस्ट

बुलंदशहर में दिखी यह गर्मजोशी कुछ ही देर में इंटरनेट मीडिया पर भी छा गई। दोनों नेताओं के आगे बढ़ने के कुछ देर बाद अखिलेश यादव ने इस मुलाकात की तस्वीर भी अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की। लिखा, एक दुआ-सलाम, तहजीब के नाम...। प्रियंका वाड्रा ने भी जवाब देने में देर न की और उन्होंने जवाब में लिखा ...हमारी भी आपको राम राम। इसके साथ ही प्रियंका ने सात सेकेंड का एक वीडियो भी शेयर किया।

कांग्रेस ने करहल व जसवंतनगर में नहीं उतारा प्रत्याशी

चुनाव प्रचार के दौरान तीनों नेताओं की मुलाकात का यह वीडियों देखते ही देखते तेजी से वायरल हो गया। यह वाकया इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि दोनों दलों के बीच बिना किसी गठबंधन के भी समन्यवय की चर्चा जोरों पर है। इसके संकेत उसी दिन मिले थे जब कांग्रेस ने मैनपुरी की करहल सीट से समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और इटावा की जसवंतनगर सीट से सपा-प्रसपा गठबंधन के उम्मीदवार शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ उम्मीदवार उतारने से परहेज किया था। ऐसा करके कांग्रेस ने भविष्य में भाजपा के खिलाफ जरूरत पड़ने पर सपा से हाथ मिलाने का स्पष्ट संकेत दिया है।

Post a Comment

0 Comments