छात्राओं को परोसा बदबूदार भोजन, 15 अस्पताल में भर्ती- जाने क्या है माज़रा



लखनऊ। आलमनगर के राजकीय आश्रम पद्धति बालिका विद्यालय में शनिवार की रात को घटिया खाना खाने से 15 छात्राएं बीमार हो गईं। पेट में दर्द, उल्टी व घबराहट की शिकायत पर छात्राओं का लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया। नाराज विद्यालय की बाकी छात्राएं रात दस बजे सड़क पर उतर आयीं। छात्राओं ने लगातार घटिया खाना दिए जाने का आरोप लगाते हुए बुद्धेश्वर चौराहा जाम कर दिया। छात्राएं प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रही थीं। आरोप था कि शिकायत के बावजूद घटिया व बासी खाना दिया जा रहा है। छात्राओं के प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। करीब तीन घंटे के मान-मनौव्वल के बाद रात करीब सवा बजे छात्राओं ने धरना समाप्त किया। प्रदर्शन कर रहीं करीब 150 छात्राओं के समर्थन में ज्योतिबा राव फुले कॉलेज के छात्र भी आ गए थे ।रात में प्रदर्शन की सूचना पर भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर भी मौके पहुंच गए। हालांकि छात्राओं व ज्योतिबा राव फुले कॉलेज के छात्रों को समझाकर वापस कर दिया गया।

मिली जानकारी के अनुसार, राजकीय आश्रम पद्धति बालिका विद्यालय छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें चार दिन से चावल व रोटी कच्ची दी जा रही थी। विद्यालय में शिक्षिकाओं व अन्य सभी से शिकायत की गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। शनिवार को भी रोज की तरह खाना गड़बड़ आया। रात में लगभग नौ बजे करीब 15 छात्राओं ने खाना खाया तो जी मचलाने, पेट में दर्द आदि की शिकायत होने लगी। छात्राओं के अनुसार खाने में आलू, सेम की सब्जी, चावल, रोटी व दाल थी। खाने में बदबू भी थी। इसके बाद बाकी छात्राओं ने खाना छोड़ दिया। साथ ही बीमार छात्राओं को अस्पताल भेजने के बाद प्रदर्शन करने पहुंच गईं। छात्राएं अपनी साथियों के ठीक होने तक चौराहे से हटने को तैयार नहीं थीं। मांग थी कि कैटरर्स को हटाकर शुद्ध खाने की व्यवस्था की जाए। छात्राओं के जाम से कानपुर रोड से हरदोई रोड की ओर और मोहान रोड पर आने जाने वाला ट्रैफिक प्रभावित हुआ। पहले पारा व तालकटोरा थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छात्राओं को समझाने का प्रयास किया, मगर प्रदर्शन जारी रहा। इसके बाद एसडीएम सदर, उप निदेशक व जिला समाज कल्याण अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। लंबी वार्ता के बाद उन्होंने छात्राओं को कैटरर्स बदलने और छात्राओं की समिति की निगरानी में ही भविष्य में भोजन वितरण कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद छात्राएं शांत हुईं। 

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