अखिलेश मिश्र
लालगंज/आजमगढ़। जीवित व्यक्ति को राजस्व अभिलेख में मृतक दिखा कर दूसरो का नाम बतौर वारिस दर्ज होने कि खबर लगते ही परिजनों के होश उड़ गए। पीड़ितों ने तहसीलदार के समक्ष उपस्थित हो कर आदेश निरस्त कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की हैं। जो तहसील में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। स्थानीय तहसील क्षेत्र के करिया गोपालपुर गांव निवासी भुल्लन पुत्र राम खेलावन का नाम खतौनी खाता संख्या 333 में दर्ज था वह रोजी-रोटी के सिलसिले में बाहर रहते हैं। उनके पुत्र राजेश व प्रवेश किसी कार्यवश शुक्रवार को खतौनी कि नकल निकाले तो खतौनी पर राजस्व निरीक्षक के आदेश दि. 25/07/2019 से भुल्लन पुत्र राम खेलावन को मृतक दिखा कर राम करन पुत्र भुल्लन व फेरू व फेकू व छुनछुन पुत्रगण मूरत व तालुक व कैलाश व मंगरू पुत्रगण सेवक व दुलारी पत्नी सेवक व रामचन्दर पुत्र सीताराम व मंगरी पत्नी सीताराम का नाम बतौर वारिस दर्ज करने का आदेश देख कर राजेश व प्रवेश का होश उड़ गया। दोनो ने आनन-फानन में तहसीलदार को आवेदन पत्र दें कर वरासत के फर्जी आदेश को निरस्त कर कार्यवाही कि मांग किया। राजेश ने बताया कि पिता जी बाहर रहते हैं किसी ने साजिश के तहत ऐसा कराया हैं। सम्भावना हैं कि उक्त आदेश कि आड़ में प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि, बंधक बैनामा आदि का कोई लाभ लिया गया हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व अध्यक्ष राम सेवक यादव ने कहा कि लापरवाह व भ्रष्ट राजस्व कर्मियों के विरुद्ध कोई ठोस कार्यवाही न होने से आए दिन जीवित व्यक्ति कि वरासत किए जाने कि शिकायतें मिलती रहती हैं। इस सन्दर्भ में तहसीलदार से सम्पर्क का प्रयास किया गया नही हो पाया।
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