शिक्षक दिवस: तिलक लगाकर शिक्षक और शिक्षिकाओं का किया स्वागत... शिक्षा से ही मिलेगी जीवन की सारी सफलताएं!


आजमगढ़। प्रतिभा निकेतन इंटर कालेज अतलस पोखरा के प्रांगण में शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया। विद्यालय के समस्त कक्षा के छात्र-छात्राओं ने इस दिवस को वहुत ही उत्सकता पूर्वक मनाया सभी बच्चों में इस दिवस को मनाने लिए काफी उत्सुकता दिखायी दें रही थी इस अवसर पर विद्यालय के प्रबन्धक रमाकान्त वर्मा ने सभी बच्चों को शिक्षक दिवस मनाने के बारे में वहुत ही गहराई से बताया और कहा की हमे महापुरूषो के आदर्शों को अपने जीवन में उतारना चाहिए और विद्यालय के प्रधानाचार्य ने कहा कि शिक्षा से हम अपने जीवन में किसी भी मुकाम पर पहुच सकते है इस लिए हमे सर्वपल्ली राधाकृष्णन से सिखना चाहिए। इस अवसर पर विद्यालय के सभी कक्षाध्यापक अपने बच्चों के साथ मिल कर शिक्षक दिवस मनाये। इस अवसर विद्यालय के अध्यापक राजेश तिवारी ने बच्चों को गुरू की महिमा हिन्दी मे कैसे की गयी उसका वर्णन अपनी वाणी के माध्यम से किया इसी क्रम में कक्षा 12 के कक्षाध्यापक जमाल कैत्तर ने अपनी गीत के माध्यम से बताया और इन्द्रजीत सर ने गजल के माध्यम से शिक्षा और शिक्षक और छात्र को किस तरह से पठन-पाठन करना बताया। अन्त में प्रीति श्रीवास्तव ने बच्चों को शिक्षक की भूमिका समाज में क्या होती है उसको बताते हुए कार्यक्रम का समापन किया।



इसी क्रम में  शिक्षक दिवस से एक दिन पूर्व गुरुवार को सेंट जेवियर्स स्कूल समेदा के प्रांगण में शिक्षक दिवस बड़े ही हर्षाेल्लास एवं धूमधाम से मनाया गयाघ्। छात्रों ने अपने शिक्षकों के सम्मान में अनेक प्रकार के सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सर्वप्रथम विद्यालय के आवासीय प्रबंध निदेशक अनिरुद्ध जयसवाल, प्रधानाचार्य विनंजय शर्मा, उप प्रधानाचार्या श्रीमती संगीता राय जी एवं समन्वयक कुनाल गुप्ता आदि ने माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित किया व सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण किया। छात्रों के द्वारा शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं को तिलक लगाकर व फूल देकर उनका स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। विद्यालय के प्रबंध निदेशक ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु या शिक्षक को ऐसे प्रकाश के स्रोत के रूप में ग्रहण किया गया है जो ज्ञान की दीप्ति से अज्ञान के आवरण को दूर कर जीवन को सही मार्ग पर ले चलता है इसलिए उसका स्थान सर्वाेपरि होता है उसे साक्षात परब्रह्मा तक कहा गया है। 

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