उप्र के 22 जिले, 600 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में, डेढ़ लाख लोग प्रभावित!


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।कई दिनों से यूपी में पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश से बाढ़ की गंभीर स्थिति पैदा हो गयी है। सोमवार तक 17 जिले प्रभावित थे, लेकिन यह संख्या बढ़कर आज 22 तक पहुंच गयी। अब तक करीब 600 से अधिक गांवों और डेढ़ लाख से ज्यादा लोग इस प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे हैं।राहत आयुक्त के अनुसार राज्य में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं, लेकिन नदियों के बढ़ते जलस्तर ने चिंता बढ़ा दी है। गंगा, यमुना, सरयू और घाघरा जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। स्थिति को देखते हुए आगरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, बलिया, पीलीभीत, बहराइच, गोंडा, अयोध्या और लखीमपुर सहित 22 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल कार्रवाई शुरू की है, और विभिन्न विभागों की टीमें दिन-रात मेहनत कर रही हैं।
बहुत स्थान पर बच्चे खुद को खतरे में डाल कर नावों से अपने गंतव्य तक जा रहे हैं। सरकारी दावों की माने तो बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, जहां उन्हें लंच पैकेट और दवाइयों का वितरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी खुद इन कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। लखनऊ में राहत आयुक्त कार्यालय में बने कंट्रोल रूम के जरिए हर अभियान पर नजर रखी जा रही है।साथ ही, पीड़ितों से लगातार फीडबैक लेकर उनकी मदद सुनिश्चित की जा रही है। सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए सभी जरूरी संसाधन जुटाए हैं। स्थानीय अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है, और राहत शिविरों में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर आगे की रणनीति भी तैयार की जा रही है ताकि स्थिति और बिगड़ने से रोका जा सके। बाढ़ पीड़ितों को उम्मीद है कि सरकार का यह प्रयास उनकी परेशानियों को कम करेगा।विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश का रुकना और जल निकासी व्यवस्था मजबूत करना ही समाधान है। प्रशासन का फोकस अब नुकसान को कम करने और पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर है।

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