लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जिसके बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव 2027 की रणनीति में जुटे हुए हैं। चर्चा है कि सपा एक साल पहले ही पार्टी के उम्मीदवार तय कर देगी। इन तमाम कयासों का जवाब अब खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिया है। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव में कब और किस आधार पर प्रत्याशियों का फैसला होगा। अखिलेश यादव ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए बताया कि लोकसभा चुनाव में हमने बहुत पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। इस चुनाव में उम्मीदवार तय तो हमने किए लेकिन, उसके लिए बहुत सारे लोगों से सुझाव लिया गया था। जो जानकारी मुझे दी गई, उस जानकारी को सोच-समझ कर, वहां के क्या समीकरण है, उसके आधार पर हमने सीटें तय की। सपा अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर हम कांग्रेस के साथ थे, बाबा साहेब और संविधान की बात की और पीडीए की रणनीति जिसके आधार पर टिकटों को बंटवारा हुआ, उसी का परिणाम हैं कि सपा यूपी में नंबर एक पर रही और बीजेपी हार गई, जहां तक 2027 का है ये चुनाव हम समाजवादियों और खासकर पीडीए और उन लोगों को लिए, जिनके लिए संविधान ने संजीवनी का काम किया है। उनके लिए एक-एक सीट पर समीक्षा करके, जानकारी और राय मशविरा लेकर लिया जाएगा। चुनाव के दौरान बीजेपी जो तिगड़म बनाती है उन सभी बातों को सीखकर हम (सपा) लोग बहुत जल्दी तो नहीं अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करेंगे, लेकिन प्रत्याशी को उतना समय जरूर देंगे ताकि वो अपने क्षेत्र में जा सके। सपा अध्यक्ष ने इस दौरान बिहार चुनाव से पहले वोटर लिस्ट को लेकर हो रही क़वायद पर भी निशाना साधा और कहा कि वोटर लिस्ट रिवाइज करने के लिए बर्थ सर्टिफ़िकेट और माता-पिता के दस्तावेज नहीं मांगे जाते हैं। अखिलेश ने ये भी सवाल उठाया कि बिहार में जो एक लाख स्वयं सेवक लगाए हैं वो कौन हैं। इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि जो लोग वोटरों का डेटा जुटा रहे हैं उनका संबंध किस पार्टी के लोगों से हैं। उनके आगे स्वयं सेवक ही क्यों हैं इसके आगे आर भी लगा देना चाहिए। उन्होंने ऐलान किया कि बिहार में उनकी पार्टी तेजस्वी यादव को पूरे समर्थन देगी।
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