मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में हाल ही में आर्थिक तंगी से व्यापारी परिवार के आत्महत्या की राख अभी ठंढी भी नहीं पड़ी थी कि मुजफ्फरनगर में एक वृद्ध दंपत्ति ने जहरीला पदार्थ खाकर देहलीला समाप्त कर लिया। योगी आदित्यनाथ की सरकार राज्य को वन ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का राज्य बनाने का सपना देखता है जबकि हकीकत कहीं ज्यादा विपरीत है। मुजफ्फरनगर के अशोक गोयल को कैंसर था और उनकी पत्नी पुष्पा शुगर की मरीज थी। एक बेटे की एक साल पहले मौत हो गई थी। तभी से परिवार डिप्रेशन और आर्थिक तंगी में था। बताते हैं कि परिवार से मकान का किराया भी नहीं दिया जा रहा था। आर्थिक तंगी और अवसाद से ग्रस्त वृद्ध दंपत्ति ने अन्ततः जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर लिया। दोनों के शव घर के आंगन में फर्श पर पड़े मिले। प्राप्त जानकारी के अनुसार नई मंडी क्षेत्र रेलवे रोड पर राधा कृष्ण मंदिर के पास के मूल निवासी अशोक गोयल वर्तमान में अपनी पत्नी के साथ पाटिया के पास राकेश कुमार के घर में किराए पर रहते थे। उनका बेटा अनुभव गुरुग्राम में किसी कंपनी में नौकरी करता है। उसने सुबह के समय अपने पिता के मोबाइल पर फोन किया तो कॉल रिसिव नहीं की गई। अनुभव ने नई मंडी कोतवाली पुलिस को कॉल कर अपने पिता के बारे में जानकारी करने को कहा।
नई मंडी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची तो घर का मुख्य दरवाजा अंदर से बंद मिला। पुलिस ने मकान मालिक को बुलाकर पड़ोसियों के घर की छत से अशोक गोयल के घर की छत पर पहुंचकर जीने का दरवाजा तोड़ा। इसके बाद पुलिस घर में पहुंची। दंपती के शव आंगन में फर्श पर पड़े मिले। उनके मुंह से झाग निकल रहे थे। पास में दो गिलास थे, जिनमें दो चम्मच रखी थी। गिलास व चम्मच पर सल्फास लगा मिला। सल्फास के कई पाउच भी पड़े मिले। पुलिस ने मृतक के भाई प्रदीप गोयल को मौके पर बुलवा लिया।प्रदीप गोयल ने बताया कि उनके भाई कैंसर और भाभी शुगर की बीमारी से पीड़ित थे। दोनों एक-दूसरे की देखभाल करते थे। उनका भतीजा अनुभव गुरुग्राम में नौकरी करता है। दूसरे भतीजे अभिनव की एक साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी। उनका भाई पहले नई मंडी के व्यापारी के यहां काम करता था। कुछ लोगों का कहना था कि घर का किराया भी बकाया था। दंपती आर्थिक तंगी से परेशान था।
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