उप्र में अल्पसंख्यकों के लिए भाजपा का बड़ा फैसला...दरगाहों-मस्जिदों के सामने करेगी यह काम... सपा-बसपा में बढ़ी बेचैनी!


लखनऊ। ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी और अल्पसंख्यकों को लेकर सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने के लिए भारतीय जनता पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा पूरे उत्तर प्रदेश में दरगाहों, मदरसों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और गिरजाघरों जैसे धार्मिक स्थलों के बाहर चौपालें आयोजित करेगा। इसके अलावा केंद्र सरकार के 11 वर्ष पूरे होने पर मुस्लिम प्रबुद्ध वर्ग तक पहुंच बनाने के लिए अल्पसंख्यकों का पैगाम, मोदी के साथ मुसलमान विषय पर सभी महानगरों में सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों की शुरुआत 11 जून से होगी। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने बताया कि मोर्चा पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक बन चुके ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को अल्पसंख्यक वर्ग तक पहुंचाने के लिए पूरे प्रदेश में दरगाहों, मदरसों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और गिरजाघरों जैसे धार्मिक स्थलों के बाहर चौपालें आयोजित करेगा।
उन्होंने बताया कि इन चौपालों में भारतीय संविधान की पुस्तिका का वितरण भी किया जाएगा ताकि अल्पसंख्यक समाज के लोग अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक हो सकें। इन चौपालों का आयोजन 11 जून को शुरू होगा।
अली ने बताया कि केंद्र सरकार के 11 वर्ष पूरे होने पर मुस्लिम प्रबुद्ध वर्ग तक पहुंच बनाने के लिए ‘अल्पसंख्यकों का पैगाम, मोदी के साथ मुसलमान’ विषय पर सभी महानगरों में सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे और इन सम्मेलनों की शुरुआत आगामी 12 जून को लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर में होने वाले कार्यक्रम से की जाएगी। उन्होंने बताया कि मोर्चा द्वारा आयोजित किए जाने वाले एक अलग कार्यक्रम ‘देश का पैगाम, प्रतिभा को सम्मान’ में मदरसों की विभिन्न परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में देश की रक्षा की मुहिम में शहीद हुए जवानों के परिजन को भी सम्मानित किया जाएगा। उनके मुताबिक, प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित होने वाले इन कार्यक्रमों की शुरुआत आगामी 15 जून से होगी।
अली ने बताया कि आगामी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में स्थित विभिन्न 403 मदरसों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें मदरसों के शिक्षक, विद्यार्थी और आसपास के लोग योगासन करेंगे। बीजेपी के इस फैसले से समाजवादी पार्टी और बसपा के खेमे में बेचैनी है। दोनों ही दलों के बीच अल्पसंख्यक मतों को साथ लाने की लड़ाई होती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी का यह फैसला यूपी में उसे अल्पसंख्यकों के कितने करीब ला पाता है।

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