गोरखपुर मठ के नाम पर धमकाने और वसूली में कथावाचक सहित तीन गिरफ्तार... भाजपा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष के भाई की भूमिका भी संदिग्ध!


संभल। गोरखपुर के मठ के नाम से कोतवाल को अच्छी पोस्टिंग दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपये मांगने के आरोप में पुलिस ने एक कथावाचक समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों में बाराबंकी के रामनगर थाना क्षेत्र के सिहामऊ निवासी कथावाचक नारेंद्र, सुधीर कुमार मिश्रा और रामपुर के पटवाई थाना क्षेत्र के परतापुर निवासी राज शामिल है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने भाजपा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंघल के भाई कपिल सिंघल के कहने पर गोरखपुर मठ के नाम से कोटपूर्वी निवासी विपुल गुप्ता को फोन पर धमकाया भी था। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि कपिल सिंघल ने अपने विरोधी विपुल गुप्ता को धमकी दिलाने के लिए 30 हजार रुपये एडवांस दिए थे। बाद में भी रुपये दिए जाने थे।
कपिल सिंघल का विपुल गुप्ता के साथ लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा है। आरोपियों ने कोतवाली प्रभारी रहे अनुज तोमर को अच्छी पोस्टिंग दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपये की मांग की थी। एसपी ने बताया कि विपुल गुप्ता को धमकाने के मामले में इन आरोपियों के साथ कपिल सिंघल भी आरोपी है। इस मामले में पहले ही एक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। आरोपियों ने कोतवाली प्रभारी रहे अनुज तोमर के सीयूजी नंबर पर 30 जनवरी को कॉल की थी। कहा था कि वो गोरखपुर के मठ से बात कर रहे हैं। आरोपियों ने इंडियन फ्रोजन फूड कंपनी (मीट फैक्टरी) के मालिक से बात कराने के लिए कहा था। आरोपी लगातार फोन करते रहे लेकिन कोतवाली प्रभारी ने बात नहीं कराई थी। एसपी ने बताया कि आरोपी मीट फैक्टरी मालिक को धमकाने और वसूली करने के इरादे से साजिश कर रहे थे। कोतवाल ने इरादा समझ लिया था इसलिए बात नहीं कराई थी। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि यह गिरोह मुख्यमंत्री कार्यालय की फर्जी मुहर लगाकर अधिकारियों को पत्राचार कर रहा था। इसके अलावा छानबीन में यह भी सामने आया है कि आरोपियों ने एक महीने के अंदर 33 राजस्व अधिकारियों को प्रदेशभर में कॉल की है। इसी तरह 36 पुलिस अधिकारियों के सीयूजी नंबर पर 135 बार कॉल की गई है। बताया कि इस गिरोह की छानबीन आगे भी की जा रही है। उसके आधार पर कार्रवाई आगे की जाएगी। इस गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जानी है। कपिल सिंघल ने विपुल गुप्ता की करोड़ों रुपये की संपत्ति हड़पने के लिए इस गिरोह का सहारा लिया था। मठ से बताकर फर्जी कॉल कराई थी। जिसमें एक एफआईआर दर्ज की गई थी। इस गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जाएगी।

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