अंग्रेजों द्वारा स्थापित लखनऊ गोल्फ क्लब में आज भी भारतीय परिवेश में प्रवेश प्रतिबंधित...हास्यकवि ने बेज्जती का किया मार्मिक वर्णन!


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास से सटे गोल्फ क्लब है।1947 से पहले जहां अंग्रेजों की सोसायटी बैठती थी वहां यह लिखे जाने और कड़ाई से उस पर नजर रखने की परंपरा थी।। भारत के लोगों का सार्वजनिक मानमर्दन करने, उनका मनोबल तोड़ने के लिये खुलेआम लिखा रहता था "यहां भारतीय और कुत्तों का प्रवेश वर्जित है। अंगेज चले गये, बहुत सरकारें आयी और चली गयीं, लेकिन लखनऊ के गोल्फ क्लब में भारतीयों के प्रति अंग्रेजों की गली अभी भी न सिर्फ गूंज रही है बल्कि भारतीय परिवेश की बेज्जती कर आज भी अपने होने का एहसास करवा रही है।भारतीयों की अनवरत की जाने वाली भारतीय परिधान में की जाने वाली बेज्जती के क्रम में इस बार गोल्फ क्लब में प्रख्यात व्यंगकार, हास्यकवि डॉ सर्वेश आस्था अंग्रेजी नियमों की आड़ में बेज्जती का शिकार हुये। क्षणिक संतुष्टि के लिये उन्होंने इस बेज्जती का चतुराई भरा उत्तर देकर वह प्रवेश कर लिये।सर्वेश अस्थाना ने सोसल प्लेटफार्म के अपने फेसबुक एकाउंट पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संससदीय क्षेत्र और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के के आवास के बगल हुये बेज्जती का मार्मिक वर्णन किया।
"ये है लखनऊ का गोल्फ क्लब। बात कल की है। हमको एक मीटिंग के लिए यहाँ आना था। मैंने काली पैंट और पीला कुर्ता व सरसों के रंग की जैकेट पहन रखी थी।लेकिन मुझे भगवान कसम नही पता था कि ये क्लब अभी भी अंग्रेजों के आधीन है और भारतीय परंपरा और परिधान वर्जित है।हमको घुसने ही नही दिया गया। इसके बावजूद बहुत अच्छा लगा यह देख कर। ... एंड डॉग्स आर नॉट अलाउड आज भी इंडिया में ही जीवित है। बहुत गर्व होता है जहाँ भारतीय परिधान को प्रवेश न मिले, बहुत गर्व होता है उस जगह जहाँ हिंदी बोलने पर हिंदुस्तान में ही आर्थिक दंड देना पड़ता है। सुनते हैं यहाँ के सदस्य भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, राजनीति से जुड़े लोग व व्यापारी लोग हैं। ये लोग भारतीय संस्कृति, परिधान के प्रचारक हैं ऐसा सुनते थे।
हमको खुशी इस बात की है कि हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के समकक्ष हो गये हैं। गोल्फ क्लब के प्रवेश द्वार से उनको भी नही घुसने दिया जायेगा और हमे भी। भारतीय परिधान न घुसने पाये इसके लिए रक्षा व्यवस्था भी तगड़ी है। हिम्मत हो तो देश के रक्षा मंत्री जी लखनऊ गोल्फ क्लब में घुसकर दिखा दें। हम भी नही दिखा पाये इसलिए हम भारत के रक्षामंत्री के समकक्ष भी हो चुके हैं। भारत की संसद के अधिकांश सदस्य भारतीय परिधान ही पहनते हैं इसलिए सांसद भी न घुस पायेंगे। इसलिये हम स्वयं को संसद के समान भी मान सकते हैं। यह बात तो सभी मानेंगे कि जहां संसद की पहुंच नहीं होती वह भारत का हिस्सा नहीं होता। गोल्फ क्लब भी इसीलिए भारत के भीतर नही माना जा सकता। इसलिए मेरी गुज़ारिश है, गोल्फ क्लब लखनऊ के पदाधिकारियों से अनुरोध है कि यहाँ प्रवेश के लिए वीजा सिस्टम कर दें। क्योंकि विदेश में घुसने के लिए वीजा चाहिए।
अच्छा चूंकि हम शुरू से ही हनुमान भक्त हैं इसलिए तय किया इस 'निकर निवासा' में घुसेंगे ज़रूर करना चाहे जो पड़े।
अति लघुरूप तो नही कर पाए पर दुर्गा भाभी के शहर का हूँ तो इन फिरंगियों के धूल तो झोंकनी ही थी सो हमने भी भारत माता की जय का उच्चारण किया मन ही मन, और फिर अपने कुर्ते के निचले हिस्से को पैंट में खोंसा और सदरी की बटन बन्द कर ली।
अब मेरी बाहें कुर्ते की और आधा कुर्ता पैंट में और उसके ऊपर सदरी कवच के रूप में। और फिर जलवे से उसी प्रवेश द्वार से भीतर घुसा। जिसने मुझको रोका था और मेरे कुर्ते को भीतर न जाने देने पर अड़ गया था वो ही मुझे विस्फारित आंखों से देख रहा था। वो सोच रहा था कि आखिर इससे कहूँ क्या। उसका असमंजस मैं भांप रहा था। वो मेरी पैंट खुलवा नही सकता था। पैंट के भीतर क्या टक किया गया है यह पूछने के लिये तो उसको पता नही कौन सा जन्म लेन पड़ता। इधर मैं अधकचरा अंग्रेज़ बन गया और गोल्फ क्लब लखनऊ में आराम से घुस गया। क्योंकि अब मैं उनकी श्रेणी में आ गया था"।

Post a Comment

0 Comments