साहिबाबाद के शहीदनगर में तुलाराम अपने परिवार के साथ रहते हैं। मामला साल 1993 का है। बिजली विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी तुलाराम का बेटा राजू अपनी एक बहन के साथ 8 सितंबर 1993 के दिन स्कूल गया था। लेकिन वापस लौटते समय उसका एक ऑटो गैंग ने किडनैप कर लिया। तब राजू महज 7 साल का था। घर वाले उसे ढूंढते रहे। थाने में मुकदमा भी दर्ज कराई। इस दौरान उनके पास फिरौती के लिए 7.40 लाख रुपये की फिरौती का पत्र आया। लेकिन किसी ने उसने संपर्क नहीं किया। घर वालों ने फिर मान लिया कि शायद अब उनका बेटा कभी नहीं लौटेगा। लेकिन चार दिन पहले एक युवक सहिबाबाद थाने पहुंचा। उसके बाजू में राजू लिखा टैटू था। उसने पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई। फिर पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद राजू को उसके परिवार से मिलवाया।
राजू को अपनी आंखों के सामने देख माता-पिता और बहन भावुक हो उठे। उनकी तो मानो खुशी का ठिकाना न रहा। फिर राजू ने बताया- मेरा किडनैप करके मुझे ट्रक वाले राजस्थान के जैसलमेर ले गए थे। वहां एक व्यक्ति के हवाले कर दिया। वह व्यक्ति मुझसे भेड़-बकरी चराने का काम करवाता था। दिन में केवल एक रोटी देता था। दिन में उसे कई बार केवल चाय दी जाती थी। उसने बताया- मैंने इस दौरान घर वालों को ढूंढने की बहुत कोशिश की। लेकिन कोई सफलता हाथ न लगी। फिर सालों बाद मैं किसी तरह खोड़ा थाने आया। उन्हें पूरी बात बताई। तब उन्होंने मेरी मदद दी। परिजनों ने बताया कि उनके बेटे के नाम भीम सिंह उर्फ राजू उर्फ पन्नू है। परिजन बेटे के मिलने के बाद बहुत ज्यादा खुश हैं।
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