बाबा सिद्दीकी को मारने वाले दो शूटर यूपी के बहराइच से, एसपी ने कहा दोनों का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं!



मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की यूपी के माफिया अतीक अहमद स्टाइल में की गई। फर्क इतना है कि अतीक पुलिस अभिरक्षा में मारा गया था। जबकि बाबा सिद्धकी पुलिस सुरक्षा में मारे गये हैं। उनकी हत्या करने वाले तीन में से दो हमलावर धर्मराज कश्यप और शिव कुमार उर्फ शिवा गौतम दोनों (क्रमशः18-19 साल) बहराइच जिले की कैसरगंज कोतवाली के गंडारा गांव के रहने वाले हैं। दोनों परिवार के भरण पोषण के लिए पुणे-मुंबई कमाने गए थे। बहराइच की एसपी वृंदा शुक्ला ने दोका सामना को बताया कि इन दोनो का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। यह दोनों ही सामान्य परिवार के लोग हैं। अभी तक नियमित रूप से यह परिवार के साथ जुड़े हुए भी थे। पुलिस घर पहुंचकर परिवार से बात कर रही है। साथ ही यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस घटना के बारे में परिवार के पास क्या जानकारी है।
शिवा 6 सालों से पुणे में एक स्क्रैप व्यापारी के यहां काम करता था। शिवा ने दो महीने पहले ही अपने पड़ोसी धर्मराज को भी पुणे काम के लिए बुलाया। सुपारी देने वाले व्यक्ति ने शिवा और धर्मराज की गुरमैल की मुलाकात कराई थी। बताया जा रहा है कि शूटर्स पिछले करीब 40 दिनों से मुंबई में रहकर सिद्दीकी की रेकी कर रहे थे। वे 2 सितंबर से कुर्ला में किराए के कमरे में रुके थे। पकड़े गये दोनों शूटर ने बताया कि उन्होंने बाबा के घर और बेटे के ऑफिस की रेकी की थी। मुंबई पुलिस सूत्रों ने पुष्टि की है कि कॉन्ट्रैक्ट किलिंग है। किसने सुपारी दी। कितने की दी। यह अभी भी जांच का विषय है। शिवा गौतम के पिता बालकृष्ण ने कहा हमें आज सुबह ही पता चला है।पुलिस वाले आए थे। हमें चौकी ले गए और पूछताछ की। मेरा बेटा कुछ गलत काम नहीं कर सकता है। उसको बहकाया गया है। शिव से मेरी बात 15-20 दिन पहले हुई थी। मेरे पास फोन नहीं था। 15 दिन पहले हरीश नाम के लड़के से उसने मुझे फोन भिजवाया था।
जबकि धर्मराज की मां ने बताया कि बेटा दिल्ली जाने की बात कहकर गया था। बेटे से 1 महीने पहले बात हुई थी। हमने कहा कि जल्दी आ जाओ। इस पर उसने कहा कि होली में आएंगे। पुलिस वाले हमारे पास आए थे। मेरा नाम पूछा। मेरे दो बेटे हैं जिनका नाम अनुराग और धर्मराज है। बेटी नहीं है। यही जानकारी हमने पुलिस को दी। हमें कुछ नहीं पता है। मेरा बेटा दो महीने पहले आया था। दिल्ली जाने को कहकर पहली बार बाहर गया था।बता दें कि कुछ महीनों पहले अपने साथी शिवाा गौतम के साथ मुंबई काम तलाशने गया था। मुंबई में हुए इस हाईप्रोफाइल मर्डर में उसका नाम सामने आने के बाद बहराइच पुलिस ने उसके बारे में छानबीन की तो कोई पुराना आपराधिक इतिहास नहीं मिला। फिलहाल पुलिस उसके बारे में गहनता से पता लगा रही है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या का यूपी लिंक सामने आने के बाद एसटीएफ की सारी यूनिट्स को अलर्ट कर दिया गया है। वारदात में शामिल एक शूटर शिवा गौतम जो मौके से भाग गया था, अब एसटीएफ उसकी टोह लेने में जुट गई है। एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि अभी मुंबई पुलिस ने एसटीएफ से संपर्क नहीं किया है, लेकिन धर्मराज और उसके साथी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। एसटीएफ को शक है कि धर्मराज किसी संगठित गिरोह से जुड़ा था। जिसके बाद उसे किसी खास काम से मुंबई भेजा गया। वारदात के दौरान धर्मराज का किसी पेशेवर शूटर की तरह पिस्टल से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना उसके किसी गिरोह से जुड़े होने का संदेह पुख्ता कर रहा है। धर्मराज कश्यप पुत्र राधे कश्यप, छः भाइयों में सबसे छोटा भाई है। पिता मछली बेचता है और बड़ा भाई मछली भी बेचता है। दूसरा भाई ठेला लगाता है। तीसरा भाई कपड़े की दुकान पर मजदूरी करता है साथ ही और भी भाई मजदूरी करते हैं। चार बड़े की भाई शादी हो गई है। धर्मराज और एक और भाई की शादी नहीं हुई है। इन लोगों के पास खेती न के बराबर है।

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