5 दिन की जिंदगी, देह पर 25 जख्म...एक-एक सांस के लिए मौत से लड़ रही यह नन्हीं जान!


लखनऊ।
कानपुर के हैलट का बाल रोग विभाग पांच दिन के नवजात को बचाने की जद्दोजहद कर रहा है। हमीरपुर में झाड़ियों में मिले इस मासूम के शरीर पर 25 जख्म हैं। एक-एक सांस के लिए मौत से लड़ रही इस नन्हीं जान की सलामती की दुआएं डॉक्टर संग नर्स भी कर रही हैं। फिलहाल उसकी हालत गंभीर है।
हमीरपुर राठ के कस्बाखेड़ा गांव के पुल के पास झाड़ियों में 30 अगस्त को नवजात रोता-बिलखता मिला था। फूल जैसे कोमल शरीर को कुत्तों ने जगह-जगह काटा और बुरी तरह नोंच डाला। शरीर पर 25 जगह गहरे जख्म हैं। संक्रमण से हालत और भी खराब हो गई। रविवार को सीएचसी से पुलिस सुरक्षा में उसे हैलट रेफर कर दिया गया। गंभीर हालत में बाल रोग विभाग के एनआईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया। हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे आईसीयू में रखा है।
नली से पीने को दे रहे दूध नवजात का इलाज कर रहे डॉ. सिद्दिकी के मुताबिक, नवजात पांच दिन का है। आशंका है कि जन्म के कुछ देर बाद ही उसे झाड़ियों में फेंक दिया गया। शरीर पर कुत्तों के काटने और नोंचने के करीब 25 गहरे जख्म हैं। झाड़ियों में काफी देर तक खुला पड़ा होने से संक्रमण भी हो गया है। अभी उसका वजन दो किलो 400 ग्राम है।जिंदगी-मौत के बीच जूझ रहे इस मासूम को सबसे पहले रामसनेही नाम के व्यक्ति ने देखा था। नौ बेटियों का पिता होने के कारण वह इसे अपनाना चाहता था। इसके लिए वह सीएचसी के डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ से भीड़ लेकर भिड़ भी गया था।मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभागध्यक्ष ने डॉ. अरुण आर्या ने बताया कि हमीरपुर से रविवार को नवजात गंभीर हालत में आया था। एनआईसीयू वार्ड के आईसीयू में उसका इलाज हो रहा है। हालत अभी काफी गंभीर है। वह 24 घंटे डॉक्टरों की देखरेख में है। हम उसे बचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।

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