मिर्जापुर। पुलिस ने बीएसएनएल कंपनी को कोर्ट जाने के लिए मजबूर कर दिया। इसकी वजह भी बड़ी अजीब और हैरान करने वाली है। प्रदेश के मिर्जापुर जिले के 10 थानों पर कंपनी का बिल कई वर्षों से बकाया है। बिल भी इतना बड़ा भी नहीं है कि उसकी रकम जमा न हो सके। जिले के दस थानों पर कंपनी के मात्र 248 रुपयों का बिल बाकी है। पुलिस वालों ने जब बिल जमा नहीं किया तो कंपनी राष्ट्रीय लोक अदालत पहुंच गई।
मोबाइल कंपनियों ने अपना रिचार्ज महंगा कर दिया है तो बीएसएनल का रिचार्ज सस्ता होने से ग्राहक इस कंपनी की तरफ जुड़ रहे हैं। कंपनी के सस्ते प्लान लोगों को लुभा रहे हैं। बाबजूद इसके मिर्जापुर पुलिस बीएसएनएल कंपनी के मात्र 248 रुपये का बिल जमा नहीं कर पा रही है। यह बकाया एक थाने पर नहीं बल्कि जिले के 10 थानों पर है। मिर्जापुर जिले के थानों पर न्यूनतम बकाया बिल 2 रुपये और अधिकतम 120 रुपयों तक का है। कंपनी में कई बार बिल जमा कराने के लिए पुलिस को नोटिस दिया, लेकिन इन मामूली रकम को जमा नहीं कराया गया। जिले के लालगंज थाना पर सबसे कम तो कटरा कोतवाली पर सबसे अधिक बिल बकाया है। वर्षों से बकाया बिल के लिए बीएसएनएल ने राष्ट्रीय लोक अदालत की शरण ली है। 10 थानों पर कुल 248 रुपए की बकाया है। थाने वार बात की जाए तो जिले के लालगंज थाने पर दो रुपये। विंध्याचल, मड़िहान और चील्ह थाने पर 4-4 रुपये, जिगना थाने पर पांच रुपये, कछवां थाने पर सात रुपये, चुनार थाने पर 14 रुपये, देहात कोतवाली पर 34 रुपये, शहर कोतवाली पर 54 रुपये और कटरा कोतवाली पर 120 रुपये बिल बकाया है। मिर्जापुर उप महाप्रबंधक बीएसएनल पीसी रावत ने पत्र जारी कर बताया है कि पुलिस विभाग ने 10 थानों पर बीएसएनएल के कुल 248 रुपये बकाया है। कई साल से बिल नहीं जमा करने पर संबंधित नोटिस जारी कर सूचना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भेज दी गई है।
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