रेल पटरियों पर अर्द्धनग्न हालत में मिले RPF के जवानों के शव... हत्या या कुछ और… दुविधा में है पुलिस!


वाराणसी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन (मुगल सराय) पर तैनात आरपीएफ के दो जवानों के शव गाजीपुर के गहमर थाना क्षेत्र में रेल पटरियों के किनारे मिले हैं। इनमें एक जवान के शव पर कोई वस्त्र नहीं है, वहीं दूसरे जवान ने आधे अधूरे कपड़े पहने हैं। यह दोनों जवान पंडित दीनदयाल रेलवे स्टेशन से गुवाहाटी एक्सप्रेस में सवार होकर ट्रेनिंग के लिए मोकामा जा रहे थे। 500 मीटर के दायरे में मिले इन दोनों शवों को देखकर आशंका जताई जा रही है कि इनकी हत्या हुई है।

फिलहाल पुलिस ने इन शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं आरपीएफ ने भी अपने स्तर पर मामले की जांच शुरू कर दी है। इन दोनों जवानों की पहचान जावेद खान और प्रमोद कुमार के रूप में हुई है। जावेद खान दिलदारनगर थाना क्षेत्र में देवाईथा गांव के रहने वाले थे। वहीं दूसरे जवान प्रमोद कुमार बिहार में आरा जिले के भोजपुर के रहने वाले थे। जावेद के भाई ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वह छुट्टी पर घर आए थे और सोमवार को छुट्टी खत्म होने पर उन्हें पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन जाना था।

वहां से अपने साथी प्रमोद कुमार के साथ मोकामा के लिए निकलना था। इसके लिए वह सोमवार की सुबह करीब आठ बजे दिलदारनगर स्टेशन पर उन्हें ट्रेन में बैठाकर वापस लौट आए थे। उन्होंने बताया कि उनके भाई ने दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन पहुंचने और वहां से मोकामा रवाना होने की सूचना भी फोन पर दे दी, लेकिन उसके बाद से उनका फोन नहीं लग रहा था। इसी बीच सूचना मिली कि इन दोनों जवानों के शव गहमर थाना क्षेत्र में बकैनिया गांव के पास पटरी पर मिला है। इस सूचना पर उन्होंने मौके पर पहुंच कर शव की पहचान की.

आशंका है कि मोकामा जाने के लिए ट्रेन में सवार होने के बाद इन दोनों जवानों के साथ कुछ गलत हुआ था। बताया जा रहा है कि इनकी हत्या करने के बाद दोनों शवों को 500 मीटर के रेंज में ट्रेन से फेंका गया था। सूचना मिलने पर स्थानीय विधायक ओमप्रकाश सिंह के प्रतिनिधि मन्नू सिंह ने मोर्चरी पहुंचकर घटना की जानकारी ली और पुलिस को मामले की जांच के निर्देश दिए। इतने में अपने जवानों को ढूंढते हुए आरपीएफ के कमांडेंट भी गाजीपुर पहुंचे। उन्होंने भी मामले की अपने स्तर पर जांच के आदेश दिए हैं। कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद दोनों जवानों की मौत के कारणों का पता चल सकेगा।

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