लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर बड़ा कदम उठाया है। जिसके तहत प्रदेश में 28 मार्च 2005 से पहले प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर सरकारी नौकरी पाने वालों को पुरानी पेंशन स्कीम का विकल्प चुनने का अवसर मिल सकेगा। मंगलवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। इस फैसले से प्रदेश करीब 50 हजार शिक्षक व कार्मिक को फायदा मिलेगा। यूपी में लंबे समय से सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग कर रहे थे। चुनाव में भी इसे विपक्षी दलों ने बड़ा मुद्दा बनाया था। जिसका असर भी चुनाव में देखने को मिला. लेकिन, लोकसभा चुनाव के बाद अब योगी सरकार ने ये बड़ा दांव चला हैं. इससे राज्य के सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिल सकेगा।
यूपी सरकार ने 28 मार्च 2005 को ये प्रावधान किया था कि 1 अप्रैल 2005 या उसके बाद कार्यभार ग्रहण करने वाले कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली एनपीएस के दायरे में होंगे। ये प्रावधान राज्य सरकार के कर्मचारियों, शासन के नियंत्रण वाले स्वायत्त संस्थानों और शासन की सहायता से चलने वाली संस्थाओं के कर्मचारियों और शिक्षकों पर लागू किया गया है। ये सभी इसके दायरे में आएंगे। दरअसल ऐसे तमाम शिक्षक और सरकारी कर्मचारी हैं जिनकी नियुक्ति तो 1 अप्रैल 2005 के बाद हुई लेकिन, उनकी नौकरी के लिए विज्ञापन 28 मार्च 2005 से पहले निकला था।
ऐसे में ये शिक्षक लगातार खुद को पुरानी पेंशन स्कीम की सुविधा दिए जाने की मांग कर रहे थे। केंद्र सरकार ऐसे कर्मचारियों को पहले ही इसका लाभ दे चुकी है लेकिन अब यूपी सरकार ने भी इस पर मुहर लगा दी है। योगी कैबिनेट के इस फैसले के तहत वो कर्मचारी भी आएंगे, जिनकी नियुक्ति 1 अप्रैल 2005 के बाद हुई, लेकिन उनकी नौकरी का विज्ञापन 28 मार्च 2005 से पहले आया था। ये तमाम कर्मचारी भी अब पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ ले पाएंगे। योगी सरकार के इस फैसले के बाद हजारों सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा।
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