आजमगढ़। भारत के महान राजनितिक-सामाजिक चिन्तक, साम्प्रदायिक एकता और धर्म निरपेक्षता के शिखर प्रतीक चन्द्रजीत यादव ने, सामाजिक न्याय अग्रचारी के रूप में अनेक कार्यक्रमों को हाथ में लिया था, जिससे साम्प्रदायिक सौहार्द्र और भाई चारा के भाव को मजबूती मिलती थी। दिल्ली और आजमगढ़़ में रमजान के पवित्र माह में इफ्तार पार्टी का, उनके द्वारा आयोजन करना एक छोटा सा उदाहरण रहा। उनके देहावसान के उपरान्त स्थगित हो चुकी इस परम्परा को उनके सुपुत्र विजय यादव ने पुनः शुरू कर दिया। मंगलवार को विजय यादव ने सामाजिक न्याय एवं बाल भवन केन्द्र पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया, जिसमें सम्मान के साथ रोजदार शामिल हुए। इसके साथ मुस्लिम सम्प्रदाय से इतर अन्य लोगों ने भी शिरकत किया। विजय यादव और रामजनम यादव ने गर्म जोशी के साथ लोगों का स्वागत किया। इफ्तार और नमाज अता करने के बाद लोगों का आपस में मिलने के भाव में वातावरण को ऐसा सौहार्द्रमय बना दिया, जो कुछ इस तरह का लगा मानों लोगों को चन्द्रजीत यादव के देहावसान के एक लम्बे अन्तराल के बाद लोगों को इसकी प्रतीक्षा थी। इस छोटे से आयोजन ने केवल चन्द्रजीत यादव की स्मृतियों को जीवन्त कर दिया, अपितु उनके राजनितिक-सामाजिक परिवर्तन के संघर्षाे तथा उनकी सामाजिक न्याय की सैद्धांतिकी को भी जीवन्त कर दिया। बताते चले कि विश्व में, चन्द्रजीत यादव ने विश्व बन्धुत्व, वैज्ञानिक समाजवाद और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के नाते, जिन उॅचाईयों को स्पर्श किया था उसके लिये सामाजिक-राजनितिक चिन्तन की धारा से जुड़े बौद्धिक वर्ग के साहित्यकार और पत्रकारों के लिए वे बराबर आदरणीय रहे। मंगलवार को विजय यादव ने और रामजनम यादव ने इस स्थगित कार्यक्रम को पुनः शुरू करके चन्द्रजीत यादव के होने के सच को एक बार फिर मानस पटल तक पहुॅचाने का प्रयास किया। जिसने चन्द्रजीत यादव के स्मृतियों और अनके संस्मरणों को प्रत्यक्षतः सामने ला दिया। इस अवसर पर प्रो0 डॉ0 जहुर आलम, शिब्ली एकेडमी के डायरेक्टर उमैर सिद्दीकी साहब, मो0 जाकीर खान, आतिफ गुड्डू, सेराज अहमद, मो0 शरीफ आजमी, खुरशीद आलम, मुख्तार अहमद, जुल्फेकार बेग, जाकिर खॉ, तारिक शमीम ख्वाजा, तारिक, आफताब कुरैशी, मुन्नू यादव, मंतराज यादव, जवाहर सैनी, अशोक यादव, हिरालाल, दिनेश यादव, गोविन्द, विनोद राम, आदि लोग शामिल रहे।

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