लखनऊ। प्रदेश में एनडीए गठबंधन ने अभी तक 62 सीटों पर प्रत्याशी तय कर दिए हैं। इसमें बची हुई 12 सीटों को लेकर पार्टी को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। 12 सीटों में से 9 ऐसी सीटें हैं जहां पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव जीता था पर उसके बावजूद पार्टी को प्रत्याशी बदलने या पुराना प्रत्याशी रिपीट करने पर बड़ा चिंतन करना पड़ रहा है। वहीं हारी हुई तीन सीटों पर प्रत्याशी बदलना तय है। प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद रहे बृज भूषण शरण सिंह की सीट पर अभी भी असमंजस बरकरार है। पार्टी इस सीट से बृजभूषण की जगह उनके परिवार के किसी व्यक्ति या बृजभूषण के किसी पसंदीदा करीबी व्यक्ति को चुनाव लड़ाने के लिए बृजभूषण शरण सिंह से उनका मत मांग चुकी है। सूत्रों की माने तो बृजभूषण शरण सिंह इस सीट से खुद को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी को इस बात का भय है कि महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे बृजभूषण शरण सिंह के मैदान में उतरने से विपक्षियों को पार्टी पर हमला करने के लिए एक बड़ा हथियार मिल सकता है। जिन 12 सीटों पर प्रत्याशियों का चयन होना बचा है उसमें अधिकतर सीटों पर प्रत्याशियों की टिकट काटने की बात निकल के सामने आ रही है। वहीं कुछ प्रत्याशियों की सीटों में उलट फिर भी हो सकता है। बलिया से सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त की सीट बदलकर गाजीपुर करने जैसी चर्चा भी चल रही है तो वहीं गाजीपुर में अफजाल अंसारी के सामने कृष्णानंद राय के परिवार या मुख्तार के किसी विरोधी या उनके परिवार के सदस्य को टिकट देने पर भी चर्चा जारी है। बलिया से उपेंद्र तिवारी के नाम की चर्चा हो रही है तो वहीं देवरिया सीट पर रमापति राम त्रिपाठी को एक बार फिर से टिकट देने पर भी विचार जारी है। भारतीय जनता पार्टी प्रयागराज, कौशांबी, फिरोजाबाद में नए प्रत्याशी पर भी विमर्श कर रही है।
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