अजय कुमार पांडेय ने ऐसी रंग में रंग गया मैं तो ,भाये न कोई रंग रे सारी रतिया उनकी बतिया करती है मुझे तंग रे सुन कर पुनः होली की फिजा को छेड़ दिया। सोनल श्रीवास्तव ने वह अब कुछ बेपरवाह सी रहती है उसकी बातों के अब सब ढंग नए से हैं सुना करके नारी मन की बात को उजागर किया। बृजबाला श्रीवास्तव ने मदमस्त बसंत की छाई छटा ऋतुराज महान के आवन से बगियन अमवा बउराए गए पिक गाए मधुर धुन शाखन से सुना करके बसंत ऋतु का आभास कराया। डॉ मोनिका शर्मा ने कुछ मुखोटे संभाल कर रखे हैं मैं जिनके पीछे अक्सर छुप जाती हूं जितना दिखलाना होता है उतना ही दिखलाती हूं सुना करके वर्तमान परिस्थितियों पर बेहतरीन कुठाराघात किया है। प्रसिद्ध गीतकार राकेश कुमार पांडेय सागर ने दर्द के विन्यास पर मैं गीत लिखना चाहता हूं सुना करके माहौल को बहुत ही संजीदा कर दिया। प्रसिद्ध शायर ताज आजमी ने होली का जश्न आज मनाने की शाम है हिंदू और मुसलमां को मिलाने की शाम है। सुना करके कौमी एकता पर बात की। विजयेन्द्र प्रताप श्रीवास्तव करुण ने ष्जब से आईल बा फागुन भुलाई चलेनी, गोरी मुंहवा से अंचरा हटाई चलेनी। सुना करके सभा को फागुनी रंग से सराबोर कर दिया। डॉ आशा सिंह ने चलो सौहार्द की खुशबू को उड़ायें यारों अमन के दीप मोहब्बत से जलाएं यारों सुनाया।
शालिनी राय डिंपल ने श्मैं तो होरी खेलूं रे तेरे संग लगाओ रंग सांवरे मोहे भाए प्रीत का रंग भिगावो मोह सांवरे। श्सुना करके होलीके रंग में माहौल को कर दिया। मंडल संयोजक संजय पांडेय ने आज इस देश में यूं माहौल बनाना होगा आग लगने की जगह फूल खिलाना होगा सुना करके पूरे माहौल को भाई चारे की, प्रेम सौहार्द और एक सूत्र में बांधने की बात कर डाली। युवा कवि अतुल राव ने मेरी तरह मिल जाएगा तुम्हें कोई और, क्या मेरी तरह चाहेगा तुम्हें कोई और श्सुना करके युवा मन को हौले से खटखटाने का प्रयास किया। रत्नेश राय में ब्रज धाम में धूम ही धूम मची चौकोर गुलाल उडा़वत है यशोदा नंदन ब्रज धाम में आज गुलाल अबीर लगावत है। सुनाया और माहौल को रंग अबीर गुलाल से भरपूर कर दिया इसके अतिरिक्त हरिहर पाठक और कार्यक्रम के कार्यकारी अध्यक्ष, कन्हैयालाल अस्थाना प्रहरी, मैकश आज़मी,दिनेश कुमार श्रीवास्तव, जन्मेजय पाठक ने अपनी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम के संचालन विजयेंद्र प्रताप श्रीवास्तव ने किया। श्रोता रूप में संजय कुमार श्रीवास्तव, प्रोफेसर जयप्रकाश यादव,रमाकांत वर्मा, डॉ मनीष मिश्रा, अलका राय, श्वेता राय, घनश्याम यादव, सोहेल अहमद, नदीम, जया श्रीवास्तव, श्लोक श्रीवास्तव, जगदंबा तिवारी, शैलेंद्र सिंह, हीरालाल इत्यादि की उपस्थिति सराहनीय रही।
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