बीजेपी को वोट चाहिए लेकिन मुस्लिम नेताओं की भागीदारी नहीं...12 सीटों पर क्या होगा ऐलान!


लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख नजदीक आ रही है। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में वोटिंग होगी। वोटिंग की तारीखें जैसे जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे बीजेपी सहित सभी राजनीतिक दलों ने चुनावी तैयारियों के साथ साथ लोकसभा सीट पर पत्ते खोलने भी शुरू कर दिए हैं। बीजेपी यूपी में क्लीनस्वीप करने के लिए हर जाति, वर्ग को साधने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसलिए बीजेपी मुसलमानों को भी अपने पाले में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाले वाली बीजेपी मुसलमानों का वोट तो चाहती है लेकिन टिकट में उन्हें भागीदारी देना नहीं चाहती है। अब इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। सपा, बसपा समेत कई राजनीतिक दल मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार रही है। योगी सरकार में दानिश आजाद अंसारी इकलौते मुस्लिम मंत्री है।

दरअसल बीजेपी ने दो किस्तों में यूपी की कुल 63 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जिसमें से लगभग हर जाति और वर्ग को हिस्सा मिला है, लेकिन मुसलमानों को बीजेपी ने अपनी लिस्ट में जगह नहीं दी है। वहीं, बीजेपी के पास अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली, योगी सरकार में मंत्री दानिश आजाद अंसारी और पूर्व मंत्री मोहसिन रजा जैसे बड़े नेता मौजूद हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बीजेपी के सहयोगी दलों ने भी मुसलमानों पर भरोसा नहीं जताया है। चाहे सुभासपा हो या फिर राष्ट्रीय लोकदल, दोनों ने मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है। हालांकि अभी अपना दल सोनेलाल ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। लेकिन उम्मीद यही है कि अपना दल एस भी किसी मुस्लिम को टिकट नहीं देने जा रही है। इतना ही नहीं, बीजेपी बाकी बची सीटों पर भी मुस्लिम नेताओं को मौका नहीं देने वाली है। बीजेपी यूपी की 75 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

वरिष्ठ पत्रकार नवल कांत सिंह ने बताया कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता कई बार ऐसा बयान दे चुके हैं कि हम जिताऊ नेता को उम्मीदवार बनते हैं ना कि किसी जाति और धर्म को देखकर टिकट देते हैं। हालांकि सच बात ये है कि मुस्लिम वोटर बीजेपी को वोट करता नहीं है। नगण्य के बराबर मुस्लिम वोट बीजेपी को मिलते हैं। इससे जीत-हार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ सकता है। लेकिन इतना जरूर है कि बीजेपी सरकार की योजनाओं का लाभ मुसलमानों को मिलता है। इसके बाद भी मुस्लिम अपने आपको बीजेपी से जोड़ नहीं पा रहा है। इसका मुख्य कारण यह भी है कि मुसलमान धर्म से ज्यादा जुड़ा हुआ है और बीजेपी सिर्फ राम मंदिर, काशी और मथुरा की बात करती है। इसीलिए बीजेपी को वोट नहीं करता है।

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