राजा भैया 14 साल पुराने मामले में बरी...मायावती सरकार में दर्ज हुए थे मुकदमे!


लखनऊ। कुड़ा विधायक राजा भैया को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चौदह साल पुराने मामले में कुंडा विधायक को बरी कर दिया है। अदालत ने अपहरण और थाने में फायरिंग करने से जुड़े मामले में 20 लोगों को निर्दोष बताया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंड पीठ ने शुक्रवार को ये फैसला सुनाया है।

दरअसल, मायावती सरकार में दर्ज मुकदमे में कुंडा विधायक राजा भैया को बरी कर दिया गया है। अपहरण और थाने में फायरिंग मामले में राजा भैया बरी कर दिए गए हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच के फैसले में राजा भैया समेत 20 लोगों को बरी किया है। ये मुकदमा बसपा नेता मनोज शुक्ल ने दर्ज कराया था। बसपा सरकार के दौरान 2011 में ये मुकदमा दर्ज किया गया था। शासन ने 2014 में मुकदमा वापस लाने का आदेश दिया था। लेकिन MP-MLA कोर्ट ने मुकदमा वापसी की अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद राजा भैया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।अब शुक्रवार को उन्हें हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।

गौरतलब है कि ये पूरा मामला 19 दिसंबर 2010 का है और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव से जुड़ा हुआ है। तब बीएसपी ने राजा भैया और एमएलसी अक्षय प्रताप समेत कुल 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। बीएसपी नेता का आरोप था कि बीडीसी सदस्य का अपहरण करने के बाद थाने में फायरिंग की गई है। इन आरोपों के तहत 2011 में केस दर्ज हुआ। तब माना जाता है कि बीएसपी नेता मनोज शुक्ला और राजा भैया एक-दूसरे के विरोधी थे। 

आरोप है कि अपहरण के बाद दोनों ओर से गोली चली थी। जिसके बाद इस मामले को लेकर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए। जिसके बाद मनोज शुक्ला की शियाकत पर कुंडा कोतवाली में राजा भैया, एमएलसी गोपालजी, विनोद सरोज और पूर्व सांसद शैलेंद्र समेत 20 को लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इसी मामले में राजा भैया समेत कई लोगों को जेल भी जाना पड़ा था।

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