तो क्या मुलायम की धड़कन को फिर वापस ला पाएगी सपा... 21 मार्च से मोर्चा संभालेंगे धर्मेंद्र!


Mj vivek/ आजमगढ़। लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने में अब कुछ भी दिन शेष बचे है। जनपद की दो लोकसभा सीट पर आगामी 29 अप्रैल को नामांकन शुरू हो जाएंगे। आजमगढ़ लोक सभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने सांसद दिनेश लाल निरहुआ को तीसरी बार उम्मीदवार बनाया है जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी सपा ने यहां से फिर से धर्मेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है। बहुजन समाज पार्टी ने अभी यहां किसी को उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। हालांकि वर्ष 2014 से लगातार तीन बार तीसरे स्थान पर रहने वाले बसपा प्रत्याशी शाह आलम गुड्डू जमाली अब सपा के एमएलसी हो गए हैं। ऐसे में बसपा यहां कोई नया उम्मीदवार ही मैदान में उतरेगी। पिछले तीन चुनाव का आंकड़ा देखा जाए तो 2-1 से समाजवादी पार्टी लीड बनाए हुए हैं।

दरअसल 2014 में भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी के वाराणसी से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने पहली बार आजमगढ़ से चुनाव लड़ने का फैसला किया था। वह जब भी आजमगढ़ आते थे तो इटावा को अपना दिल और आजमगढ़ को धड़कन जरूर बताते थे। इस बात का प्रमाण उनके द्वारा यहां किए गए विकास कार्य देते हैं।लेकिन वह या उनके परिवार का कोई सदस्य यहां से कभी चुनाव नहीं लड़ा था। सपा संरक्षण उस साल मैनपुरी और आजमगढ़ दोनों जगह से चुनाव मैदान में उतरे थे। आजमगढ़ में उन्हीं के शिष्य भाजपा प्रत्याशी रमाकांत यादव ने नामांकन से लेकर चुनाव परिणाम आने तक जमकर घेराव किया था। लेकिन फिर भी मुलायम सिंह को जितना उम्मीद थी उससे कम वोट ही से चुनाव जीत सके। इस बात का खुलासा सठियांव चीनी मिल के पुनर्निर्माण के दौरान स्वयं मुलायम सिंह यादव ने मंच से कही थी। उन्होंने यहां तक कहा था कि आजमगढ़ वालों ने तो मुझे हरा दिया था लेकिन मेरे परिवार के लोगों ने दिन- रात एक कर मुझे विजयश्री दिल दिया।

हालांकि सपा संरक्षक ने मैनपुरी से बड़ी विजय मिलने के बाद भी आजमगढ़ की सीट को ही जीवंत रखा था। जबकि मैनपुरी सीट उन्होंने छोड़ दी थी। वर्ष 2019 के आम चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यहां भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ को ढाई लाख से ज्यादा मतों से हरा दिया था। लेकिन उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद इस सीट को छोड़ दिया था।उसके बाद हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल निरहुआ ने सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को मामूली मतों के अंतर से हरा दिया था। अब सवाल उठता है कि समाजवादी पार्टी क्या इस बार मुलायम की धड़कन आजमगढ़ को जीत पाएगी। उपचुनाव में मिली हार से सबक लेकर समाजवादी पार्टी के सभी विधायकों ने इस बार विजय श्री दिलाने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। स्वयं सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव 21 मार्च से लोकसभा सीट की पांचो विधानसभा में जनसंपर्क अभियान तेज करेंगे।

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