आजमगढ़। मन हमारा पांच इंद्रियों का वो रथ है, जिसे मस्तिष्क द्वारा काबू किया जाना जरूरी है, इसे काबू में करके ही हम सकारात्मक गंतव्य तक पहुंच सकते है। लेकिन आजकल हम सोशल मीडिया के जरिए दूसरों की कापी करने में लगे है और स्वयं के मौलिक प्रतिभा को खत्म करते है, जिसके कारण हम स्वयं को ही अच्छे नहीं लगते है। उक्त बातें नारी शक्ति संस्थान की ओर से हरिऔध कला केंद्र में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के पूर्व आयोजित नारी शक्ति सम्मान-2024 समारोह के दौरान बतौर मुख्य अतिथि डा अंगिरा भारद्वाज ने कहीं। कहा कि हमारे सनातन धर्म में स्त्रियों की श्रेष्ठता के क्रम में विदुषी, योद्धा, पाक कला आदि को बताया गया है। सुन्दरता का आशय एक स्वस्थ स्वाभिमानी महिला से है, इसमे कहीं भी रंभा और मेनका का नाम नही आता। बेटी को स्वास्थ्य, शिक्षा, आत्मविश्वास के बारे में बताकर स्वाभिमानी मां ही एक स्वस्थ बच्चे का पालन-पोषण कर सकती है।
इसके बाद नारी शक्ति सम्मान-2024 से मिर्जापुर से आई पद्मश्री उर्मिला श्रीवास्तव, वाराणसी की मंजरी पांडेय, जौनपुर की वंदना सरकार, प्रयागराज की कथक नृत्यांगना अपराजिता पटेल, अयोध्या से आई महिला कृषक कविता सिंह व महिला थाना प्रभारी प्रज्ञा सिंह को सम्मानित किया गया। इस दौरान पद्मश्री उर्मिला श्रीवास्तव ने अपने कजरी गीतों की प्रस्तुति देकर सबके दिलों पर कजरी का जादू चलाया। सचिव डा पूनम तिवारी ने कहा कि सशक्तिकरण की पहली जिम्मेदारी मां की है। महिलाएं हर क्षेत्र में अपने योग्यता का परचम लहरा चुकी है। संस्थान का उद्देश्य महिलाओं में एक नई चेतना जागृत कर उन्हें एकीकरण करना है ताकि समाज को और बेहतर व संस्कारिक बनाया जा सकें। इस अवसर पर अध्यक्ष डा नेहा दुबे, अंशु अस्थाना, यशा दुबे, प्रत्यक्षा तिवारी आदि महिलाएं शामिल हुई।
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